राजस्व विभाग द्वारा बनाई गई योजना के अनुसार कम्पोजीशन योजना में पंजीकृत कारोबारियों को ग्राहकों को लाभ देने के लिए नये नियमों का पालन करना होगा. इस नई योजना के तहत ग्राहक अधिक कर वसूले जाने से बच सकेंगे.
योजना का मुख्य बिंदु
• राजस्व विभाग की योजना के तहत कम्पोजीशन योजना में पंजीकृत कारोबारियों को अपने बिल पर जीएसटी पंजीकरण का स्टेटस दिखाना होगा.
• बिल पर यह लिखना होगा कि ग्राहक से जीएसटी नहीं वसूला जायेगा.
• इससे वे ग्राहकों से जीएसटी के मद में कोई रकम नहीं ले सकेंगे.
• कंपोजीशन योजना में पंजीकृत कारोबारियों के लिए नियम यह है कि वे ग्राहकों से जीएसटी नहीं ले सकते.
कम्पोजीशन योजना के लिए योग्यता
• एक करोड़ रुपये वार्षिक टर्नओवर वाले कारोबारी या उद्योगपति कंपोजीशन योजना के तहत पंजीकरण करा सकते हैं. जीएसटी काउंसिल की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि 01 अप्रैल 2019 से एक करोड़ रुपये की यह सीमा बढ़कर डेढ़ करोड़ रुपये हो जाएगी.
• कंपोजिशन स्कीम में पंजीकृत कारोबारियों और उत्पादकों को यह छूट मिली हुई है कि वे जीएसटी की पांच, 12 और 18 प्रतिशत केटेगरी वाली वस्तुओं पर सिर्फ एक प्रतिशत जीएसटी अदा करें.
• हालांकि, यह भी कहा गया है कि कम्पोजीशन योजना के तहत पंजीकृत कारोबारी ग्राहक से यह एक प्रतिशत जीएसटी भी नहीं वसूलेंगे.
GST कम्पोजीशन योजना क्या है?
कम्पोजीशन योजना एक वैकल्पिक व्यवस्था है. यह ऐसे व्यवसाय (मैन्युफैक्चरर, ट्रेडर एंव रेस्टोरेंट) के लिए घोषित है जिनका वार्षिक टर्नओवर 1.5 करोड़ रूपये तक है. इस योजना के तहत कारोबारी सामान्य जीएसटी की तरह बार-बार जीएसटी चुकाने की बजाए एक निश्चित अवधि की कुल बिक्री पर निश्चित रकम में कर अदायगी कर सकते हैं. कम्पोजीशन योजना के तहत प्रत्येक माह तीन रिटर्न फाइल करने की जगह तीन महीने में केवल एक बार त्रेमासिक रिटर्न फाइल करना होगा. भारत में 1.17 करोड़ कारोबारी जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं जबकि 20 लाख कारोबारी इसमें से कंपोजीशन योजना का लाभ उठा रहे हैं.
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