भारत की पहली स्वदेश निर्मित ट्रेन मेधा को 18 मार्च 2017 को मुंबई स्थित दादर में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. यह ट्रेन बांद्रा से होते हुए अँधेरी तक गयी.
12 कोच वाली इस ट्रेन को मेक इन इंडिया कैंपेन के तहत बनाया गया है. इसे रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा केन्द्रीय एवं पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक डी के शर्मा की मौजूदगी में रवाना किया गया. इसका उद्देश्य क्षेत्र में रेल नेटवर्क को बढ़ाना तथा लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है.
मुख्य विशेषताएं
• देश की पहली स्वदेशी लोकल ट्रेन मेधा हैदराबाद मेधा सर्वो ड्राइव्स फर्म की ओर से प्रायोजित है और इसे कोच चेन्नई कोच फैक्ट्री में तैयार किये गये हैं.
• भारत में बनी इस पहले ट्रेन में 1,168 सीटें हैं तथा कुल 6,000 से यात्री इसमें यात्रा कर सकते हैं.
• रेल की अधिकतम गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा है.
• इस ट्रेन में रीजनरेटेड ब्रेकिंग सिस्टम का उपयोग किया गया है जिसके उपयोग से 30 से 35 प्रतिशत बिजली पैदा होकर ओवरहेड वायर्स में जाएगी और इतनी बिजली की बचत होगी.
• ट्रेन में रूफ माउंटेड फोर्स्ड वेंटीलेशन व्यवस्था की गयी है जिससे ट्रेन की कूलिंग क्षमता 16,000 घन क्यूबिक मीटर प्रति घंटा बनाई गयी है.
• रेल के 12 कोचों सहित सिंगल रैक की कीमत 43.23 करोड़ रुपये है.
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