केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जनवरी 2015 को रेजिडेंट आईडेंटिटि कार्ड (आरआईसी) रीडर्स का पहला सेट नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर के धवन और तटरक्षक बल के महानिदेशक वाइस एडमिरल ए जी थपलियाल को सौंप दिया.
इन आरआईसी रीडर्स का इस्तेमाल समुद्री सुरक्षा एजेंसियां आरआईसी योजना के तहत जारी की गई तटीय क्षेत्र के निवासियों के पहचान पत्रों की जांच में करेंगी.
आरआईसी योजना के मुताबिक राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीयन के तहत सरकार ने तटीय गांवों के 65 लाख से अधिक निवासियों को पहचान पत्र जारी किए थे.
इसके अलावा, केंद्र सरकार इस योजना के तहत 3331 तटीय गांवों में राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीयक (एनपीआर) भी बना रही है.
रेजिडेंट आईडेंटिटी कार्ड (आरआईसी) और योजना
• योजना का उद्देश्य समुद्र के साथ अपनी सीमा साझा करने वाले 9 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों की तटीय सुरक्षा उपायों को मजबूत बनाना है.
• तटीय क्षेत्रों के निवासियों के लिए आरआईसी तैयार करने की योजना का कार्यान्वयन महापंजीयक और जनगणना आयुक्त केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत करते हैं.
• इस योजना के तहत जारी किए गए कार्ड तटीय सुरक्षा एजेंसियों को इंटरनेट का इस्तेमाल किए बिना किसी व्यक्ति के जनसांख्यिकीय और बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण करने में मदद करेंगे.
• ये आरआईसी कार्ड देश में भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनी एमएस आईटीआई लिमिटेड और एमएस इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) ने बनाया है.
• ये कार्ड सिर्फ तभी पढ़े जा सकेंगें जब आरआईसी पर मौजूद कुंजी सत्यापन प्रमाणीकरण कार्ड द्वारा सत्यापित किए जाएं.
• आरआईसी रीडर तापमान–रोधी होती है और अगर इसे अनधिकृत ढंग से खोला जाता है तो यह खुद को नष्ट कर लेता है.
आरंभ में ये कार्ड रीडर्स सिर्फ नौसेना और तटरक्षक बलों को ही जारी किया गया है लेकिन बाद में इसे समुद्री पुलिस स्टेशनों और राज्य सरकारों को भी दिया जाएगा.
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