केन्द्रीय पर्यटन मंत्री के.जे. अल्फोंस ने सिक्किम में पहली स्वदेश दर्शन परियोजना का उद्घाटन किया. इस परियोजना को मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत लागू किया गया है.
केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने इस परियोजना को 98.05 करोड़ रुपये की लागत से जून 2015 में मंजूरी दी थी. इस योजना के अंतर्गत सिक्किम में यह पहली परियोजना है.
इस योजना के अंतर्गत मंत्रालय ने पर्यटन बुनियादी ढांचा सुविधाएं जैसे पर्यटन सूचना केन्द्र, ध्यान केन्द्र, ऑर्गेनिक इको पर्यटन केन्द्र, लॉग हट, जिप लाइन, फूलों के लिए प्रदर्शनी केन्द्र, उद्यान पथ, स्मारिका दुकानें, कैफेटेरिया, बारिश से बचने की जगह, सड़क के किनारे सुविधाएं, अंतिम मील तक संपर्क पार्किंग, सार्वजनिक शौचालय आदि विकसित किए है.
स्वदेश दर्शन योजना:
स्वदेश दर्शन योजना का 2014-15 में पर्यटन मंत्रालय द्वारा देश में विषय आधारित पर्यटन सर्किट विकसित करने के उद्देश्य के साथ शुभारम्भ किया गया. स्वदेश दर्शन योजना को एक समन्वित तरीके से उच्च पर्यटन मूल्य, प्रतिस्पर्धा और स्थिरता के सिद्धांतों पर विकसित किया जाएगा. योजना सभी हितधारकों की चिंताओं, पर्यटन के अनुभव को समृद्ध और रोजगार के अवसर बढ़ाने पर केंद्रित है.
योजना के तहत 13 विषयगत सर्किट की विकास हेतु पहचान की गई है. जो निम्न हैं: पूर्वोत्तर भारत सर्किट, बौद्ध सर्किट, हिमालय सर्किट, तटीय सर्किट, कृष्णा सर्किट, डेजर्ट सर्किट, आदिवासी सर्किट, पारिस्थितिकी सर्किट, वन्यजीव सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट और विरासत सर्किट.
स्वदेश दर्शन योजना की विशेषताएं:
• योजना के हिस्से के तौर पर देश भर में संरचनात्मक विकास के लिए विषय आधारित पर्यटन सर्किटों की पहचान की जाएगी.
• विषय आधारित पर्यटन सर्किट (टीबीटीसी) को धर्म, संस्कृति, जातियता, स्थान आदि जैसे विशेष विषयों पर बने पर्यटन सर्किट के तौर पर परिभाषित किया जाता है.
• टीबीटीसी एक राज्य में भी हो सकता है या यह एक ऐसा क्षेत्रीय सर्किट हो सकता है जिसमें एक से अधिक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश आते हों.
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