अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने बृहस्पति से मिलते-जुलते चार नये ग्रहों की खोज की. इन ग्रहों को एक्ज़ोप्लैनेट कहा जाता है क्योंकि यह हमारे मौजूदा सौरमंडल से बाहर हैं.
वैज्ञानिकों द्वारा की गयी इस नवीन खोज में पाया गया कि यह नए ग्रह सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति से काफी मिलते-जुलते हैं और सभी का अपना एक सूर्य भी है. एचएटीसाउथ टेलिस्कोप की सहायता से वैज्ञानिकों ने सौरमंडल के बाहर चार नए ग्रहों की खोज की.
मुख्य बिंदु
• विदित हो कि सौरमंडल के बाहर पाए जाने वाले इन ग्रहों को एक्ज़ोप्लैनेट कहा जाता है. इन ग्रहों का नाम हैं, एचएटीएस-50, एचएटीएस -51, एचएटीएस -52 और एचएटीएस -53.
• वैज्ञानिकों का कहना है कि ये सभी ग्रह जुपिटर प्लैनेट से काफी मिलते हैं क्योंकि ये सभी 10 दिन के अंदर ही अपने सूर्य का चक्कर लगा लेते हैं.
• इसके अलावा इन सभी की सतह का तापमान काफी ज्यादा है क्योंकि ये अपने सूर्य का चक्कर बेहद करीब से लगाते हैं.
• इनमें से एचएटीएस -50बी सबसे छोटा ग्रह है.
• यह पृथ्वी से 2300 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है.
• वहीं एचएटीएस -51बी इनमें से सबसे बड़ा ग्रह है जो पृथ्वी से 1560 प्रकाश वर्ष दूर है.
• लगभग 1.41 बृहस्पति त्रिज्या वाला हैट्स-51 बी एक्ज़ोप्लेनेट’ इन चारों ग्रहों में सबसे बड़ा एक्ज़ोप्लेनेट’ है.
नासा ने ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाने हेतु नया टेलिस्कोप तैयार किया
एक्ज़ोप्लेनेट के बारे में
सौर प्रणाली के बाहर स्थित सभी ग्रह ‘एक्ज़ोप्लेनेट’ कहलाते हैं. ‘प्रॉक्सिमा सेंटारी बी’, हमारे सूर्य के सबसे नज़दीक का ‘एक्ज़ोप्लेनेट’ है. ज्ञात हो कि ‘प्रॉक्सिमा सेंटारी’ सूर्य के सबसे नज़दीक का तारा है तथा ‘प्रॉक्सिमा सेंटारी बी’ इस तारे की परिक्रमा करने वाले एक ग्रह, जो पृथ्वी की तुलना में लगभग 1.3 गुना भारी है. कुछ समय पहले अमेरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा दो नए एक्सज़ोप्लैनेट्स (केप्लर-90i और केप्लर-80जी) की खोज की गई है. यह खोज नासा के केप्लर स्पेस टेलीस्कोप के आकलन पर आधारित है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation