इस वित्त वर्ष से इनकम टैक्स के नियमों में कई बदलाव होने जा रहे है. 1 अप्रैल 2023 से ₹3 लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा लेकिन पुराने टैक्स सिस्टम के तहत यह सीमा ₹2.5 लाख/वर्ष तक होगी.
वही नई नियमों के तहत टैक्स के पांच स्लैब होंगे और इस व्यवस्था में ₹7 लाख तक की वार्षिक आय आयकर छूट के दायरे में आएगी.
नया वित्तीय वर्ष (FY) 2023-24, 1 अप्रैल से शुरू होगा और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वार्षिक 1 फरवरी को केंद्रीय बजट में की गई घोषणाएं 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी.
जानें इन साथ बड़े बदलावों के बारें में:
1. ₹7 लाख तक कोई टैक्स नहीं: इस वित्त वर्ष से कर छूट की सीमा को ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹7 लाख कर दिया गया है इसका मतलब यह है कि जिस व्यक्ति की आय ₹7 लाख से कम है, उसे छूट का दावा करने के लिए कुछ भी निवेश करने की आवश्यकता नहीं होगी.
2. नई आयकर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट व्यवस्था होगी: 1 अप्रैल 2023 से, नई आयकर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट रूप से लागू हो जाएगी. लेकिन आप अभी भी पुरानी व्यवस्था को चुनने में सक्षम होंगे. वेतनभोगी और पेंशनभोगी के लिए, 15.5 लाख रुपये से अधिक की कर योग्य आय के लिए नई प्रणाली की मानक कटौती ₹52,500 होगी.
3. मानक कटौती: पुरानी टैक्स प्रक्रिया के तहत कर्मचारियों को प्रदान की जाने वाली ₹50000 की मानक कटौती में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पेंशनरों के लिए, वित्त मंत्री ने मानक कटौती के लाभ को नई कर व्यवस्था में विस्तारित करने की घोषणा की गयी है.
4. वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा लाभ: नए प्रक्रिया के तहत वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा ₹15 लाख से बढ़ाकर ₹30 लाख कर दी गयी है. मासिक आय योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा एकल खातों के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और संयुक्त खातों के लिए 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी जाएगी.
5. छुट्टी यात्रा भत्ता (Leave travel allowance): छुट्टी यात्रा भत्ता के नकदीकरण सीमा, जो 2002 से 3 लाख रुपये थी, अब बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है.
6. LTCG टैक्स लाभ नहीं मिलेगा: डेब्यू म्यूचुअल फंड में निवेश पर मौजूदा लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन के बजाय शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन के रूप में टैक्स लगाया जाएगा. इसका मतलब है कि निवेशकों को अब लंबी अवधि के कर लाभ नहीं मिलने वाला है.
7. लाइफ इन्शुरन्स प्रीमियम: 5 लाख रुपये से अधिक के प्रीमियम वाली जीवन बीमा राशि 1 अप्रैल से कर योग्य होगी. यह बजट में घोषित सबसे चर्चित बदलावों में से एक था.
आयकर स्लैब: नई कर दरें इस प्रकार हैं:
सालाना वेतन ₹3 लाख तक | शून्य |
₹3 लाख- ₹6 लाख | 5% |
₹6 लाख से ₹9 लाख | 10% |
₹9 लाख से ₹12 लाख | 15% |
₹12 लाख से 15 लाख रुपये | 20% |
₹15 लाख से ऊपर | 30% |
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