मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की बड़ी घोषणा, उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी होगी गैरसैंण

Mar 5, 2020, 11:51 IST

मुख्यमंत्री ने लंबे समय से चले आ रहे कयासों के बीच गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया. गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने से विकास कार्यों को और भी गति मिलेगी.

Uttarakhand cm rawat
Uttarakhand cm rawat

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 04 मार्च 2020 को उत्तराखंड के बजट सत्र के दौरान एक बड़ी घोषणा की. मुख्यमंत्री ने बजट सत्र के दौरान गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही इसका ब्लू प्रिंट तैयार हो जाएगा. इससे पर्वतीय क्षेत्र की विकास योजनाओं को गति मिलेगी.

मुख्यमंत्री ने लंबे समय से चले आ रहे कयासों के बीच गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया. गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने से विकास कार्यों को और भी गति मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचे, इसीलिए उत्तराखंड राज्य बना.

भाजपा ने साल 2017 में अपने घोषणापत्र में गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने का वादा किया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वह वादा निभा दिया है. गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी से जनभावनाओं का सम्मान हुआ है. भाजपा सरकार प्रदेश में तीन साल पूरे होने जा रहे हैं. सरकार ने इससे पहले ही यह एतिहासिक फैसला लिया है. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को 57 सीटें मिली थी. उत्तराखंड की राजनीति इतिहास में कोई अन्य राजनीतिक दल इतनी अधिक सीटें हासिल नहीं कर पाया है.

ग्रीष्मकालीन राजधानी होगी गैरसैंण

मुख्यमंत्री रावत ने बजट सत्र के दौरान उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट पेश करने के बाद अंत में घोषणा की कि गैरसैंण राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य आंदोलन के शहीदों, मातृशक्ति, नौजवानों और आंदोलनकारियों को सर्मिपत है. इससे दूरस्थ क्षेत्रों के अंतिम व्यक्ति तक विकास के लक्ष्य को हासिल करने में सहायता मिलेगी.

पहली बार कब उठी थी गैरसैंण राजधानी की मांग

पहली बार गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग साठ के दशक में उठी थी. इस मांग को उठाने वाले पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली थे. राज्य आंदोलनकारियों और उत्तराखंड क्रांति दल ने समय-समय पर इसकी मांग हेतु आंदोलन तेज किया. उनका अलग राज्य गठन का ये संघर्ष 09 नवंबर 2000 को खत्म हुआ और उत्तराखंड को राज्य का दर्जा मिला.

अलग राज्य बनने के बाद गैरसैंण की धरती पर भी राजधानी के लिए कई आंदोलन शुरू हुए और समय के साथ इसकी मांग भी तेज होने लगी थी. उत्तराखंड क्रांति दल ने साल 1992 में गैरसैंण को उत्तराखंड की औपचारिक राजधानी तक घोषित कर दिया था. राज्य सरकार ने 2015-16 में गैरसैंण को नगर पंचायत का दर्जा दिया है.

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गैरसैंण के बारे में

गैरसैंण भारत के उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित एक शहर है. यह समूचे उत्तराखंड राज्य के मध्य में होने के कारण उत्तराखंड राज्य की पूर्व-निर्धारित और प्रस्तावित स्थाई राजधानी के नाम से बहुविदित है. यह शहर पूरे उत्तराखंड के मध्य भाग में है. इसलिए इसे देहरादून की जगह स्थाई तौर पर राजधानी बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी.

राज्य की 70 प्रतिशत जनता गैरसैंण में स्थायी राजधानी चाहती है. गैरसैंण समुद्र सतह से करीब 5,750 फुट की ऊँचाई पर स्थित मैदानी तथा प्रकृति का सुन्दरतम भू-भाग है. गैरसैंण क्षेत्र में आपसी वार्तालाप की बोली-भाषा गढ़वाली और कुमांऊॅंनी दोनों मिश्रित बोलियॉं पायी जाती हैं.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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