केंद्र सरकार ने देश के सभी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों से 31 जनवरी 2018 तक अपनी कुल संपत्ति का ब्यौरा दर्ज कराने का निर्देश दिया है. अगर अधिकारी ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें आने वाले वक्त में प्रमोशन और विदेशी पोस्टिंग में मुश्किलें आ सकती हैं.
यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार ने गंगा ग्राम परियोजना का शुभारंभ किया
केन्द्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने केंद्र सरकार के सभी विभागों, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर उनसे आईएएस अधिकारियों द्वारा 31 जनवरी 2018 तक अचल संपत्ति रिटर्न (आईपीआर) जमा कराने को कहा है.
मुख्य तथ्य:
• डीओपीटी के 4 अप्रैल 2011 के निर्देशानुसार तय समयसीमा के भीतर अचल संपत्ति के रिटर्न नहीं जमा करवाने वाले आईएएस अधिकारियों को प्रमोशन और विदेश में तैनाती के लिए आवश्यक सतर्कता मंजूरी नहीं दी जाएगी.
• 2011 के इन निर्देशों के मुताबिक, जो भी अफसर संबंधित ब्योरा उपलब्ध नहीं कराता है, उसे विजिलेंस क्लीयरेंस नहीं मिलेगी. भविष्य में उनका प्रमोशन और भारत सरकार में सीनियर लेवल पोस्ट पर उनकी नियुक्ति के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा.
• डीओपीटी के अनुसार, देश भर में 5,004 भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी काम कर रहे हैं.
• ब्योरा दर्ज कराने के लिए अधिकारियों के पास ऑनलाइन मॉड्यूल की सुविधा उपलब्ध है. यहां अधिकारी अपने आईपीआर की हार्ड कॉपी अपलोड कर सकते हैं.
केंद्र सरकार ने टीबी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान आरंभ किया
Comments
All Comments (0)
Join the conversation