केंद्र सरकार ने 23 दिसम्बर 2017 को नई दिल्ली में गंगा ग्राम स्वच्छता सम्मेलन में गंगा ग्राम परियोजना का शुभारंभ किया. यह परियोजना स्वच्छ गंगा मिशन नमामि गंगे का एक भाग है. इसके तहत गंगा नदी के किनारे बसे गांवों का विकास ग्रामीणों की मदद से सुनिश्चित किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: मंत्रिमंडल ने उपभोक्ता संरक्षण विधेयक को मंजूरी प्रदान की
पेयजल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती तथा जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी इस अवसर पर मौजूद थे. अगस्त 2017 में, केंद्र सरकार ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के गंगा के तट पर स्थित सभी 4,470 गांवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया था. आरंभ में परियोजना के तहत इनमें से 24 गांवों को गंगा ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा.
परियोजना के तहत ठोस और तरल कचरा प्रबंधन, तालाबों और जल संसाधनों का नवीकरण, जल संरक्षण, जैविक कृषि, बागवानी और औषधीय पौधों को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा.
गंगा ग्राम परियोजना:
गंगा ग्राम परियोजना ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी से गंगा तट पर बसे गांवों के सम्पूर्ण विकास के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाना है. गंगा ग्राम परियोजना के अंतर्गत ठोस और द्रव कचरा प्रबंधन, तालाबों और अन्य जलाशयों का पुनरूद्धार, जल संरक्षण परियोजनाएं, जैविक खेती, बागवानी तथा औषधीय पौधों को प्रोत्साहन देना शामिल है.
पेयजल व स्वच्छता मंत्री की अध्यक्षता में एक सलाहकार समिति का गठन किया गया है, जो नीतियों के निर्माण के साथ सभी जरूरी निर्णय लेगी. इसके अतिरिक्त एक अन्य समिति का गठन किया गया है, जो परियोजना का पर्यवेक्षण करेगी, समन्वय स्थापित करेगी तथा इसे लागू करेगी. इस मंच में शिक्षाविद, नागरिक संगठन और आम नागरिक शामिल हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation