भारत सरकार ने 04 जनवरी 2018 को नागरिकों और हिंदू अविभाजित परिवारों को किसी भी मौद्रिक सीमा के बिना, कर योग्य बॉन्ड में निवेश करने के लिए 7.75 प्रतिशत बचत बॉन्ड शुरू करने की घोषणा की है.
केंद्र सरकार ने करयुक्त सेविंग बांड्स 10 जनवरी 2018 से लांच करने की घोषणा की. इसकी न्यूनतम सीमा 1000 रुपये रखी गई है, जबकि उच्च सीमा असीमित है. ब्याज दर 7.75 फीसदी होगी, जो छमाही आधार पर मिलेगा और ब्याज पर टैक्स भी लगेगा.
आर्थिक मामलों के सचिव एस. सी. गर्ग ने कहा कि आठ फीसदी ब्याज दर वाली बचत बांड स्कीम बंद नहीं की जाएगी बल्कि उसके बदले 7.75 फीसदी ब्याज दर वाली बचत बांड स्कीम लाई जाएगी.
बॉन्ड के मुख्य तथ्य:
- बॉन्ड में कोई भी व्यक्ति (संयुक्त स्वामित्व सहित) और हिंदू अविभाजित परिवार निवेश कर सकते हैं. अनिवासी भारतीय (एनआरआई) इन बॉन्डों में निवेश नहीं कर सकते.
- बॉन्ड लेजर एकाउंट के प्रारूप में आवेदन, एजेंसी बैंकों तथा एसएचसीआईएल की नामित शाखाओं में जमा किए जा सकते हैं.
- बॉन्ड 100 रुपये के सम मूल्य पर जारी किए जायेंगे. बॉन्ड में न्यूनतम राशि 1000 रुपये या इसके गुणज में निवेश किया जा सकता है. बॉन्ड डीमैट प्रारूप में जारी किए जायेंगे.
- बॉन्ड अगली अधिसूचना तक टैप पर होंगे और संचयी तथा गैर-संचयी रूपों में जारी किए जायेंगे.
- इन बॉन्डों में निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं होगी. बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज आयकर अधिनियम 1961 के अतंर्गत कर योग्य होगा.
- संपत्ति कर अधिनियम 1957 के अंतर्गत बॉन्ड को संपत्ति कर से छूट दी गई है.
- बॉन्डों की परिपक्वता अवधि 7 वर्ष होगी और इस पर 7.75 प्रतिशत वार्षिक ब्याज मिलेगा. ब्याज छमाही देय होगा. 1000 रुपये के बॉन्ड की कीमत 7 वर्षों के पश्चात 1703 रुपये होगी.
- बॉन्ड हस्तांतरणीय नहीं है. बॉन्ड द्वितियक बाजार में व्यापार योग्य नहीं होगा. बैंक, वित्तीय संस्थान, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी में ऋण के लिए बॉन्ड का उपयोग समर्थक ऋण संपत्ति के रूप में नहीं किया जा सकेगा. एकमात्र धारक या बॉन्ड का एकमात्र जीवित धारक नामांकन कर सकता है.
पृष्ठभूमि:
सरकार ने वर्ष 2003 में सरकार ने बॉन्ड जारी किए थे. इन पर 8 प्रतिशत ब्याज दिया जाता है. खुदरा निवेशकों को निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए यह बॉन्ड लाया गया था. यह बांड 21 अप्रैल, 2003 को खुला था. इसकी निश्चित परिपक्वता अवधि छह साल की थी. इसमें निवेश की कोई ऊपरी सीमा तय नहीं थी.
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