भारत सरकार द्वारा घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 21 अगस्त 2017 को चीन से आयात होने वाले टेम्पर्ड ग्लास पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की घोषणा की है. चीन से आयात होने वाले टेम्पर्ड ग्लास पर 5 वर्षों के लिए एंटी डंपिंग शुल्क लगाया गया है.
भारत की मोबाइल इंडस्ट्री में चीन का बहुत बड़ा योगदान है. फोन की स्क्रीन की आघात से बचाने के लिए टेम्पर्ड ग्लास का उपयोग किया जाता है. भारत सरकार के इस निर्णय से भारतीय उद्योग को बढ़ावा मिलने के आसार हैं.
मुख्य बिंदु
• राजस्व विभाग ने चीन से आयातित टेम्पर्ड ग्लास पर 52.85 डॉलर से 136.21 डॉलर प्रति टन की सीमा में एंटी डंपिंग शुल्क लागू करने की एक अधिसूचना जारी की.
• यह ड्यूटी उन टेम्पर्ड ग्लास पर लगाई गई है जिसमें न्यूनतम 90.5 फीसद ट्रांसमिशन होगा और उनकी मोटाई 4.2 मिमी से अधिक (0.2 मिमी की सहिष्णुता सहित) नहीं होगी.
• साथ ही यह उन पर भी लागू होगी जिनका आयाम 1500 मिमी से अधिक है. इसमें कोटेड अथवा अन-कोटेड दोनों ग्लास शामिल हैं.
• डायरक्टोरेट जनरल ऑफ एंटी डंपिंग एंड एलाइड ड्यूटीज (डीजीएडी) की जांच में पाया गया चीन से आयात किया जाने वाले टेम्पर्ड ग्लास अपनी संबंधित नार्मल वैल्यू से काफी नीचे का है.
• यह निष्कर्ष निकाला गया है कि चीन से अत्यधिक मात्रा में होने वाले आयात से घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचा है.
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जो एटी डंपिंग ड्यूटी लगाई गई है वो पांच सालों के लिए होगी, ये पांच साल नोटिफिकेशन वाले दिन से गिने जाएंगे
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