वित्त मंत्रालय ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून की 18 धाराओं को अधिसूचित कर दिया है. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने जीएसटी कानून की कई धाराओं और नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है.
मुख्य तथ्य:
• इन नियमों के अंतर्गत परोक्ष करों के मौजूदा असेसी को जीएसटी हेतु पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. देश में जीएसटी को 01 जुलाई 2017 से लागू किया जा रहा है.
• इसके प्रभाव में आने के बाद केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और राज्यों के वैट जैसे कई परोक्ष कर समाप्त हो जाएंगे. ये धाराएं केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट के मौजूदा असेसी के जीएसटी में पंजीकरण तथा ट्रांजिशनल रूल्स से संबंधित हैं.
• केंद्र सरकार ने 30 जून 2017 और 01 जुलाई 2017 की मध्यरात्रि से जीएसटी लागू करने का फैसला किया है. हालांकि इसके लिए एक विशेष समारोह संसद के केंद्रीय सभागार में आयोजित किया जाएगा.
• इसमें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा मौजूद रहेंगे. जीएसटी को आजादी के बाद अब तक का सबसे बड़ा टैक्स सुधार करार दिया जा रहा है.
• केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने पंजीकरण और कंपोजीशन लेवी से संबंधित दो नियमों को भी जारी कर दिया है. यह सभी अधिसूचनाएं 22 जून से प्रभावी होंगी.
• वैसे व्यापारी या कंपनी जो सालाना 20 लाख रुपये से अधिक का कारोबार करते है, उन्हें जीएसटी के लिए पंजीकरण कराना होगा.
• कारोबारियों को जीएसटी के लिए पंजीकरण होने से बिना किसी परेशानी के इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल सकेगा. केंद्र सरकार ने जीएसटी के कॉमन पोर्टल को भी अधिसूचित कर दिया है.
• मौजूदा 80 लाख असेसी में से अब तक 65 लाख जीएसटी के लिए पंजीकरण करा चुके हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि कारोबारी यह दलील नहीं दे सकते कि उन्हें तैयारी करने का पर्याप्त समय नहीं मिला है. जीएसटी की दरें नीची रखने से सरकार को राजस्व हानि नहीं होगी.
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