सरकार ने कैंसर के इलाज की 390 गैर-अनुसूचित दवाओं की कीमत में कमी की

Mar 9, 2019, 11:04 IST

कैंसर की 426 दवाओं में से 390 दवाओं, जो कुल दवाओं का 91 प्रतिशत है, की कीमतों को कारोबारी मुनाफे को तार्किक बनाने के जरिये घटाया है. ऐसा अनुमान है कि कीमतों में कटौती के बाद मरीजों को लगभग 800 करोड़ रुपए की बचत होगी.

Government reduces price of 390 Anti-Cancer Non-Scheduled Medicines upto 87 percent
Government reduces price of 390 Anti-Cancer Non-Scheduled Medicines upto 87 percent

राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 08 मार्च 2019 को कैंसर के उपचार में उपयोग होने वाली 390 दवाओं की नई एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्‍य) लिस्‍ट जारी की है. एनपीपीए ने इन दवाओं की कीमतों में 87 प्रतिशत तक की कटौती की है. एनपीपीए ने 38 दवाओं की कीमत में 75 प्रतिशत की कटौती की है.

कैंसर की 426 दवाओं में से 390 दवाओं, जो कुल दवाओं का 91 प्रतिशत है, की कीमतों को कारोबारी मुनाफे को तार्किक बनाने के जरिये घटाया है. ऐसा अनुमान है कि कीमतों में कटौती के बाद मरीजों को लगभग 800 करोड़ रुपए की बचत होगी.

राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) एक सरकारी नियामक एजेंसी है जो भारत में दवाइयों की कीमतों को नियंत्रित करती है. इसका गठन 29 अगस्त 1997 को हुआ था.

मुख्य बिंदु:

•   इससे पहले 27 फरवरी 2019 को एनपीपीए ने कहा है कि कैंसर की कुछ दवाओं पर मुनाफा 30 प्रतिशत से ज्यादा नहीं लिया जा सकता है. कैंसर के इलाज में काम आने वाली 42 गैर अनुसूचित दवाएं अब मूल्य नियंत्रण के दायरे में आ गई हैं.

•   कैंसर रोधी 57 दवाएं पहले ही मूल्य नियंत्रण के दायरे में हैं. कारोबारी मुनाफे पर लगाम वाले 355 ब्रांड अब मूल्य नियंत्रण के दायरे में होंगे.

•   एनपीपीए ने विनिर्माताओं और अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वह इन दवाओं पर नए मूल्य को लागू करें. नए मूल्य आठ मार्च से प्रभावी हो गये.

•   कारोबारी मुनाफे को तार्किक बनाने के लिए बनी विशेषज्ञों की समिति ने 42 कैंसर रोधी दवाओं का मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने की सिफारिश की थी, जिसके बाद एनपीपीए ने यह कदम उठाया है.

समिति के सदस्य:

नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी विनोद पाल इस समिति के सदस्य हैं. वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार, स्वास्थ्य शोध विभाग, एनएलईएम समिति के वाइस चेयरमैन, डीआईपीपी के संयुक्त सचिव के अलावा अन्य अधिकारी इस समिति में शामिल हैं. समिति ऐसी और दवाओं को चिह्नित करेगी, जिन पर कारोबारी मुनाफा बहुत ज्यादा है.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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