घरेलू निर्माताओं को सस्ते आयात से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने 24 नवंबर 2016 को कुछ इस्पात उत्पादों के आयात पर सेफगार्ड ड्यूटी लगाने की घोषणा की. जिन इस्पात उत्पादों पर सेफगार्ड ड्यूटी लगाई गई है उनमें मिश्र धातु या गैर– मिश्र– धातु वाले हॉट– रोल्ड फ्लैट शीट और प्लेट्स ( तार के रूप में हॉट– रोल्ड फ्लैट उत्पादों को छोड़कर) हैं.
राजस्व विभाग की अधिसूचना के अनुसार, वस्तुओं के मूल्य को घटाने के बाद प्रभावी शुल्क दर की गणना की जाएगी. सीआईएफ (लागत बीमा भाड़ा) आधार पर 504 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से नीचे आयात मूल्य होने पर एंटी– डंपिंग ड्यूटि देय होगा.
अधिसूचना के अनुसार पहले वर्ष में शुल्क 10 फीसदी होगा और धीरे– धीरे इसे कम किया जाएगा. वर्ष 2018 में कम होकर यह 8 फीसदी और 2019 में 6 फीसदी रह जाएगा. इसके अनुसार 22 नवंबर 2017 तक किए गए आयात पर यथामूल्य के 10 फीसदी में से एंटी– डंपिंग ड्यूटी को घटाने के बाद जो राशि बचेगी वह देय होगी. इसे 23 नवंबर 2017 और 22 नवंबर 2018 के बीच कम कर 8 फीसदी किया जाएगा. बाद में, 23 नवंबर 2018 और 22 मई 2019 के बीच इसे कम कर 6 फीसदी कर दिया जाएगा.
यथामूल्य कर (Ad-Valorem tax) वह कर होता है जिसकी मात्रा लेनदेन या संपत्ति के मान पर आधारित होती है. यह कर लेनदेन के समय बिक्री कर या वैल्यू– एडेड टैक्स (वैट) के रूप में लगाया जाता है.
सेफगार्ड ड्यूटी ऐसा शुल्क है जिसे वैसे किसी भी उत्पाद पर लगाया जाता है जिसकी अधिक मात्रा में देश में आयात किए जाने से घरेलू उद्योग को नुकसान हो. यह एक प्रकार का अस्थायी उपाय होता है और जांच के बाद ही इसे लगाया जाता है.
पृष्ठभूमि:
इस्पात बनाने वाले जब एंटी– डंपिंग एंड अलायड ड्यूटीज के महानिदेशक से मिले उसके बाद सस्ते– इस्पात के आयात पर सेफगार्ड ड्यूटी लगाई गई. उन्होंने महानिदेशक (डीजी) से सस्ते इस्पात के आयात पर सेफगार्ड उपाय करने का अनुरोध किया. डीजी से मिलने गए इस्पात निर्माताओं में भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल), एस्सार स्टील और जेएसडब्ल्यू स्टील शामिल हैं. इन्होंने नवंबर 2016 के शुरुआत में डीजी से मुलाकात की थी.
सरकार ने चीन से इस्पात के तार छड़ के आयात पर ऐसी ही एंटी– डंपिंग ड्यूटी छह महीनों के लिए लगाई है. इससे पहले, सरकार ने ऐसी एंटी– डंपिंग ड्यूटी दक्षिण कोरिया और चीन समते चार देशों से आयात किए जाने वाले कुछ कोल्ड– रोल्ड फ्लैट स्टील उत्पादों पर लगाई थी.
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