सरकार ने सेरिडॉन सहित 328 एफडीसी दवाओं की बिक्री पर रोक लगाई

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जिन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें सिरदर्द समेत कई रोगों की दवाएं शामिल हैं. इस प्रतिबंध से 1.18 लाख करोड़ रुपए के फार्मा उद्योग से 1500 करोड़ रुपये का कारोबार बंद हो सकता है.

Sep 13, 2018, 09:36 IST
Govt bans Saridon and 327 other combination drugs
Govt bans Saridon and 327 other combination drugs

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आमतौर पर प्रयोग में लाई जाने वाली 328 दवाओं पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के तकनीकी परामर्श बोर्ड द्वारा की गई सिफारिश के तहत यह निर्णय लिया गया है.

जिन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें सिरदर्द समेत कई रोगों की दवाएं शामिल हैं. इस प्रतिबंध से 1.18 लाख करोड़ रुपए के फार्मा उद्योग से 1500 करोड़ रुपये का कारोबार बंद हो सकता है.

328 दवाओं पर प्रतिबंध का फैसला


•    स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से मानव उपयोग के उद्देश्य से 328 एफडीसी (फिक्स्ड डोज कांबिनेशन या निश्चित खुराक संयोजन) के उत्पादन, बिक्री अथवा वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है.

•    सरकार ने जिन दवाओं पर रोक लगाई है उनमें वो दवाएं हैं जो लोग जल्दन आराम पाने के लिए मेडिकल शॉप से बिना पर्चे के खरीद लेते हैं.

•    परामर्श बोर्ड ने एफडीसी दवाओं पर सौंपी गई रिपोर्ट में कहा था कि इन 328 एफडीसी में निहित सामग्री का कोई चिकित्सकीय औचित्य नहीं है.

•    बोर्ड ने सिफारिश की थी कि औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 26ए के तहत व्यापक जनहित में इन एफडीसी के उत्पादन, बिक्री तथा वितरण पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है.

 

प्रतिबंधित दवाएं

सरकार ने जिन दवाओं पर रोक लगाई है, उनमें सेरिडॉन, डिकोल्ड, जिंटाप, सुमो, जीरोडॉल, फेंसिडील, विक्स एक्शन 500, कोरेक्स और कई तरह के ऐंटीबायॉटिक्स, पेन किलर्स, शुगर और दिल के रोगों की दवाएं शामिल हैं. अभी और भी कई एफडीसी दवाएं हैं, जो देश में बिक रही हैं. माना जा रहा है कि सरकार 500 और एफडीसी पर रोक लगा सकती है.

 

फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन अथवा एफडीसी क्या है?

फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन: दो या दो से अधिक दवाओं को मिलाकर बनाई जाने वाली दवा को फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन अथवा एफडीसी कहा जाता है. इन दवाओं की पावरफुल एंटीबायोटिक के कॉम्बिनेशन के रूप में बिक्री होती है. देश में एफडीसी से हजारों दवाएं तैयार होती हैं और कई एफडीसी बिना मंजूरी के बनते हैं. एफडीसी से दर्द निवारक के लिए सबसे ज्यादा दवाएं बनती हैं.

साइड इफेक्ट्स: ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल शरीर के लिए खतरनाक होता, इसलिए सरकार ने इन दवाओं पर रोक लगाई गई है. आवश्यकता से अधिक मात्रा में एंटीबायोटिक के उपयोग से सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर असर होता है और ये लीवर के लिए भी नुकसानदायक होता है. एफडीसी से तैयार होने वाले एंटीबायोटिक के ज्यादा सेवन से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

पृष्ठभूमि

इससे पहले केंद्र सरकार ने 2016 के मार्च में औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 26ए के तहत मानव उपयोग के उद्देश्य से 344 एफडीसी दवाओं के उत्पादन, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाया था. इसके बाद सरकार ने समान प्रावधानों के तहत 344 एफडीसी के अलावा पांच और एफडीसी को प्रतिबंधित कर दिया था. हालांकि, इससे प्रभावित उत्पादकों अथवा निर्माताओं ने देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट में इस निर्णय को चुनौती दी थी जिससे कम्पनियों को अस्थायी अनुमति मिल गई थी.


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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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