केंद्र सरकार ने हाल ही में देश में आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने हेतु 'स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज' की शुरुआत की है. इस कॉन्टेस्ट में भाग लेने के लिए 18 अगस्त से रजिस्ट्रेश प्रोसेस शुरू कर दिया गया है. प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
इस स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास और प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक) ने किया है. इस प्रतियोगिता का समापन जून 2021 में होगा. स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज के तहत स्मार्ट डिवाइस के लिए हार्डवेयर का निर्माण करना होगा. यह चैलेंज एप इनोवेशन चैलेंज जैसा ही है जिसमें कंपनियां हिस्सा ले सकती हैं.
उद्देश्य
इसका उद्देश्य देश में स्टार्ट-अप, नवाचार और अनुसंधान के मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र को और गति प्रदान करना है. इस प्रतिस्पर्धा के तहत नवोन्मेषी, स्टार्टअप और छात्रों को आमंत्रित किया गया है कि वे इन माइक्रोप्रोसेसरों का उपयोग करते हुए विभिन्न प्रौद्योगिकी उत्पादों को विकसित करें.
इसमें सुरक्षा, लाइसेंसिंग, प्रौद्योगिकी अप्रचलन के मुद्दों को कम करने और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आयात पर निर्भरता में कटौती करने की क्षमता है. यह पहल भारत के रणनीतिक और औद्योगिक क्षेत्रों की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से है.
Keeping up with the spirit of #AatmaNirbharBharat happy to announce Swadeshi Microprocessor Challenge. Make innovative products using microprocessors from IIT Madras & CDAC.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) August 18, 2020
Invite students, Startups & innovators to take part in this challenge.
Details- https://t.co/SSPZHi6gAe pic.twitter.com/6YQiQcmWRn
स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज क्या है?
यह चैलेंज भी आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक हिस्सा है. इस चैलेंज को भी मायजीओवी ने लॉन्च किया है. इसके तहत सर्विलांस, ट्रांसपोर्टेशन, इनवायरमेंटल कंडीशन मॉनिटरिंग, स्मार्ट फैन, स्मार्ट लॉक और वॉशिंग मशीन के लिए हार्डवेयर का निर्माण करना होगा. इसके तहत डिफेंस और स्पेस सेक्टर के लिए भी हार्डवेयर का निर्माण किया जा सकेगा. यह चैलेंज C-DAC, आईआईटी मद्रास और आईआईटी बॉम्बे में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संचालन में संचालित होगा.
चैलेंज के तहत 25 विजेता टीम
यह चैलेंज एप इनोवेशन चैलेंज जैसा ही है जिसमें कंपनियां हिस्सा ले सकती हैं. इस चैलेंज के तहत 25 विजेता टीम को कुल एक करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा. यह चैलेंज 10 महीने तक चलेगा. 18 अगस्त से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा और 15 सितंबर 2020 तक चलेगा. फाइनल में 25 टीमों को चुना जाएगा और फिर 21 जुलाई को टॉप 10 टीमों को चुना जाएगा जिन्हें 2.30 करोड़ रुपये का फंड मिलेगा और 12 महीने तक सरकार की ओर से मदद मिलेगी.
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