वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल ने जुलाई 2017 में राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण के सदस्यों और प्रमुखों की नियुक्ति के लिए एक चयन समिति का गठन किया.
इस संदर्भ में केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा 25 जुलाई 2017 को घोषणा की गयी. इस चयन समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सेक्रेटरी पीके सिन्हा करेंगे.
प्राधिकरण के कार्य
• राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगी कि जीएसटी के अंतर्गत आने वाले टैक्स का लाभ आम नागरिक तक पहुंचे.
• इसकी अध्यक्षता भारत सरकार के सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी द्वारा की जाएगी.
• इसमें चार तकनीकी सदस्य होंगे जिसमें राज्य एवं केंद्र सरकार दोनों के अधिकारी शामिल होंगे.
• मुनाफाखोरी निरोधक नियमों के अनुसार लाभ हस्तांतरित न होने की शिकायत प्राप्त होने पर एक स्थायी समिति द्वारा जांच की जाएगी जिसमें राज्य एवं केंद्र सरकार के सदस्य शामिल होंगे जिन्हें जीएसटी काउंसिल द्वारा नामांकित किया जायेगा.
• राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण के पास मुनाफाखोरी में संलिप्त पाई जाने वाली किसी फर्म या इकाई का रजिस्ट्रेकशन या लाइसेंस रद्द करने का अधिकार होगा.
• कम किये गये करों का लाभ ग्राहकों तक नहीं पहुंचाए जाने पर प्राधिकार अवांछित मुनाफा 18 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने को कह सकता है.
• प्राधिकरण यह कदम स्वत: संज्ञान से या अपनी तरफ से नहीं उठा सकेगा. इस प्राधिकरण का कार्यकाल दो साल का होगा बशर्ते जीएसटी परिषद उसे आगे नहीं बढ़ाती है.
• इस प्राधिकरण के नियम जम्मूो एवं कश्मीरर को छोड़कर पूरे देश में एक समान रूप से लागू होंगे और इस प्राधिकरण की निगरानी डायरेक्ट र जनरल ऑफ सेफगार्ड करेंगे.
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