वैश्विक पवन उर्जा सम्मेलन का प्रथम संस्करण 25-28 सितंबर 2018 को जर्मनी के हैम्बर्ग में आयोजित किया जायेगा.
पहले वैश्विक पवन उर्जा शिखर सम्मेलन की विशेषताएं
• पहला पवन उर्जा शिखर सम्मेलन-2018 व्यापार, नेटवर्किंग तथा सूचना के लिहाज से पवन उर्जा इंडस्ट्री के लिए लाभदायक साबित हो सकता है.
• शिखर सम्मेलन में दो सम्मेलन 'विंडइनेर्जी हैम्बर्ग' और 'विंडयुरोप' शामिल हैं.
• विंड यूरोप, विंड एनर्जी की सहायता से हैम्बर्ग में वैश्विक पवन उर्जा शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा.
• पवन उर्जा से सम्बंधित इस सम्मेलन में 1400 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे. यह विश्व का सबसे बड़ा पवन उर्जा कार्यक्रम होगा जिसका उद्देश्य नेटवर्क, व्यापार एवं दुनियाभर में लोगों के बीच पवन उर्जा का प्रसार करना होगा.
• विंडयूरोप के 250 विशेषज्ञों द्वारा 50 से अधिक सेमिनारों में भाग लिया जायेगा तथा 2018 के पवन उर्जा शिखर सम्मेलन को सफल बनाया जायेगा.
• इस कार्यक्रम में भारत, चीन, अमेरिका, स्पेन एवं डेनमार्क सहित 100 से अधिक देश भाग लेंगे.
• इस शिखर सम्मेलन से विश्व भर से आये विशेषज्ञों को इको-फ्रेंडली तकनीक के लिए एक प्लेटफार्म प्राप्त होगा.
• इस आयोजन के दौरान होने वाली बैठकों के माध्यम से नये बाजारों की खोज, उत्पादों के लिए प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार करना आदि शामिल है.
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वैश्विक पवन उर्जा सम्मेलन के तीन मुख्य विषय
पवन उर्जा शिखर सम्मेलन के लिए निम्नलिखित तीन विषयों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा.
• डायनामिक बाज़ार,
• कम लागत, और
• स्मार्ट उर्जा
शिखर सम्मेलन में भारत की भूमिका
इस सम्मेलन में भारत की ओर से विभिन्न कम्पनियां भाग ले रही हैं. पवन उर्जा उत्पादन करने के हिसाब से भारत विश्व का चौथा सबसे बड़ा देश है. भारत में चीन के बाद 33 जीडब्ल्यू पवन उर्जा उत्पादित की जाती है. भारत से पहले चीन, अमेरिका एवं जर्मनी का स्थान आता है. भारतीय सरकर ने वर्ष 2022 तक 60 जीडब्ल्यू पवन उर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. ग्लोबल वर्ल्ड एनर्जी काउंसिल के सेक्रेटरी जनरल, स्टीव सॉयर के अनुसार, ‘भारत सौर उर्जा का बढ़ता हुआ तथा बड़ा बाज़ार है. वर्तमान समय में इस क्षेत्र की बहुत सी कम्पनियां भारत की ओर देख रही हैं.’
वैश्विक पवन उर्जा के तीन मुख्य विषय |
पवन उर्जा शिखर सम्मेलन के लिए निम्नलिखित तीन विषयों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. · डायनामिक बाज़ार, · कम लागत, और · स्मार्ट उर्जा |
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