ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो से जुड़े मुद्दे पर सरकार ने एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है. ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो से जुड़े लेनदेन में टैक्स कैलकुलेशन को लेकर वित्त मंत्रालय ने GST कानून में संशोधन को नोटिफाई कर दिया है.
जारी किये गए नए नोटिफिकेशन में GST कैलकुलेशन के लिए मूल्यांकन पद्धति (Valuation Methodology) का जिक्र किया गया है. इस विषय पर पिछले महीने हुई GST काउंसिल की मीटिंग में फैसला लिया गया था. जिसके आधार पर यह संशोधन किया गया है.
ऑनलाइन गेमिंग पर GST:
सरकार ने में ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर 28% का GST टैक्स रेट बरक़रार रखा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि यह मौजूदा दर 6 महीने के लिए लागू की जा रही है, इस पर रिव्यू मीटिंग के बाद अंतिम निर्णय लिया जायेगा. वहीं ऑनलाइन लॉटरी पर 28% की जीएसटी दर लागू है.
ऑनलाइन गेमिंग पर GST कैलकुलेशन:
एक ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म दो तरह से पैसा रखता है, खेल में भाग लेने के लिए प्लेटफ़ॉर्म शुल्क या प्रवेश शुल्क (आमतौर पर 10-20%) होता है. पॉट मनी का एक हिस्सा पुरस्कार राशि के रूप में अलग रखा जाता है.
गेम ऑफ स्किल पर चार्ज किए गए प्लेटफॉर्म/रेक शुल्क पर केवल 18% शुल्क लिया जाएगा. उदाहरण के लिए, यदि 10 रम्मी खिलाड़ी 500 रुपये का दांव लगाने की योजना बनाते हैं और प्लेटफ़ॉर्म शुल्क के रूप में 10% लेता है.
वॉलेट की क्या है अपडेट:
नोटिफिकेशन जारी होने से इस मुद्दे से जुड़ी अस्पष्टता और अनिश्चितता पर अभी के लिए प्रभावी ढंग से समाधान हो गया है. 'हालांकि वॉलेट को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है. इस नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि पूरा टैक्स केवल फर्स्ट स्टेज में ही कलेक्ट किया जायेगा. इससे किसी भी खिलाड़ी की जीत, टैक्स-न्यूट्रल रहेगी.
ऑफशोर गेमिंग कंपनियों पर कैसे लगेगा टैक्स?
सरकार जीएसटी कानून में एक विशिष्ट प्रावधान पेश करेगी जिसके लिए ऑफ-शोर ऑनलाइन गेमिंग के लिए अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकता होगी. यह एक सरल प्रक्रिया होगी. इन पर निगरानी के लिए वस्तु और सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) के तहत एक निगरानी सेल भी स्थापित किया जायेगा ताकि ऑफशोर गेमिंग कंपनियों पर नजर रखी जा सके.
भारत में ऑनलाइन गेमिंग:
भारत में ऑनलाइन गेमिंग काफी तेजी से बढ़ रहा है. जिसके FY25 तक 29,000 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है. हालाँकि, ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर लागू जीएसटी इसकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है. दुर्भाग्य से, ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को जुए की ही श्रेणी में रखना (जैसा कि प्रस्तावित है) इस उद्योग के विकास में रुकावट बन सकता है.
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