India’s first carbon-neutral power exchange: एनर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) देश का पहला कार्बन-न्यूट्रल पावर एक्सचेंज बन गया है. जो कार्बन इमिशन को कम या ऑफसेट करने के लिए मार्किट बेस्ड व्यापार योग्य उपकरणों का उपयोग कर रहा है.
IEX के प्रेसिडेंट और प्रबंध निदेशक एसएन गोयल ने कहा, यह उपलब्धि भारत के ऊर्जा परिवर्तन को स्थायी तरीके से सक्षम करने की दिशा में हमारी 15 साल की यात्रा में एक अचीवमेंट है. इसकी मदद से हम देश के नेट-जीरो इमिशन लक्ष्य को हासिल करने में अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ा रहे हैं.
इंडियन एनर्जी एक्सचेंज, कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के क्लीन डेवलपमेंट मैकेनिज्म के तहत पंजीकृत स्वच्छ परियोजनाओं से स्वतः से CER (certified emissions reductions) रद्द कर दिया है.
इस तरह की पहल, उन कॉर्पोरेट्स और उद्योगों का समर्थन करेगी जो पर्यावरण के लिए जिम्मेदार संगठन से जुड़ना चाहते हैं और क्लाइमेट चेंज की महत्वपूर्ण चुनौती में अपना योगदान देना चाहते है.
On this #NationalEnergyConservationDay, we are delighted to announce that Indian Energy Exchange becomes India’s first #CarbonNeutral power exchange. This achievement underscores IEX's commitment towards India's sustainability aspirations. pic.twitter.com/oskEZiX6wY
— Indian Energy Exchange (IEX) (@IEX_India_) December 14, 2022
कार्बन-न्यूट्रल पहल का महत्व:
यूएनईपी की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री तक कम करने के लिए ग्लोबल ग्रीनहाउस गैस इमिशन को 2030 तक 45% कम करना होगा. ऐसे लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कार्बन-न्यूट्रल पहल का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.
कार्बन इमिशन को कम करना, क्लाइमेट एक्शन एक्शन प्लान का एक प्रमुख भाग है. बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग को देखते हुए कार्बन न्यूट्रल पहल का महत्व और बढ़ जाता है.
हाल ही में संपन्न COP-27 ने ग्रीन हॉउस उत्सर्जन को कम करने की आवश्यकता को दोहराया है.
इंडियन एनर्जी एक्सचेंज का विज़न:
इंडियन एनर्जी एक्सचेंज ने कहा है कि इमिशन को कम करने के लिए एक स्थायी सिस्टम बनाकर नेट-जीरो एमिशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है. गौरतलब है कि भारत वर्ष 2070 तक नेट-जीरो इमिशन का लक्ष्य रखा है.
इंडियन एनर्जी एक्सचेंज भारत का प्रमुख ऊर्जा बाज़ार है, जो बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा और प्रमाणपत्रों के भौतिक वितरण के लिए एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है. एक्सचेंज अक्टूबर 2017 से एनएसई और बीएसई के साथ एक सार्वजनिक रूप से लिस्ट हुई थी.
नेट-जीरो इमिशन के लिए भारत की पहल:
काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर इम्प्लिकेशन्स ऑफ नेट-जीरो टारगेट फॉर इंडियाज सेक्टोरल एनर्जी ट्रांजिशन एंड क्लाइमेट पॉलिसी' स्टडी की रिपोर्ट के अनुसार, 2070 तक, भारत में सौर ऊर्जा क्षमता को 5,600 गीगावाट से अधिक तक पहुँचाने की आवश्यकता है.
साथ ही कोयले का उपयोग भी कम करना होगा, जिसकी मदद से भारत 2070 तक नेट-जीरो इमिशन टारगेट को हासिल कर सकेगा. साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन पहल को भी बढ़ावा देना होगा.
सभी क्षेत्रों में कच्चे तेल की खपत को 2050 और 2070 के बीच 90% तक कम करना होगा.
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