इस 29 जून को भारत और भूटान के बीच एक संयुक्त उद्यम पनबिजली परियोजना शुरू करने के लिए एक रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. यह समझौता उक्त परियोजना के निर्माण सहित अन्य संबंधित कार्यों के शुरू होने का मार्ग प्रशस्त करेगा.
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके भूटानी समकक्ष टांडी दोरजी उस समय वर्चुअल तौर पर उपस्थित थे, जब खोलोंग्छू हाइड्रो एनर्जी लिमिटेड और भूटानी सरकार के बीच इस रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.
इन दोनों देशों के बीच यह संयुक्त उद्यम परियोजना वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में पूरी होने की उम्मीद है. यह 600 मेगावाट की रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना पूर्वी भूटान में त्रशियांग्त्से जिले में खोलोंग्छू नदी के निचले जलमार्ग पर स्थित होगी.
मुख्य विशेषताएं
• इस परियोजना को खोलोंग्छू हाइड्रो एनर्जी लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा. यह सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड ऑफ इंडिया (SJVNL) और भूटान के डर्क ग्रीन पावर कारपोरेशन ऑफ़ भूटान (DGPC) के बीच निर्मित एक संयुक्त उद्यम कंपनी है.
• विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस परियोजना के तहत 95 मीटर की ऊंचाई के कंक्रीट गुरुत्वाकर्षण बांध द्वारा अवरुद्ध पानी के साथ चार 150 मेगावाट टर्बाइन वाले एक भूमिगत बिजलीघर की परिकल्पना की गई है.
• अगस्त 2019 में, 720 मेगावाट की मंग्देछू जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन भारत और भूटान के प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था.
• इस परियोजना पर हस्ताक्षर करने के साथ, द्विपक्षीय सहयोग से संचालित चार पनबिजली परियोजनाएं (60 मेगावाट कुरिछू HEP, 336 मेगावाट चूखा HEP, 720 मेगावाट मंग्देछू HEP और 1,020 टाला HEP) जो कुल मिलकर 2,100 मेगावाट की परियोजनायें हैं, भूटान में पहले से ही चालू हैं.
संयुक्त उद्यम पर भारत और भूटान के विदेश मंत्री के बयान
विदेश मंत्री, एस जयशंकर और उनके भूटानी समकक्ष ने इस जलविद्युत विकास के महत्व पर जोर दिया है. उन्होंने इसे पारस्परिक रूप से लाभप्रद द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के तौर पर भी परिभाषित किया है.
दोनों मंत्रियों ने सहयोग, विश्वास और आपसी सम्मान की भी चर्चा की, जिस कारण लंबे समय से इन दोनों देशों के बीच विशेष और अद्वितीय दोस्ती है, जो इन दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत संबंधों के साथ भारत और भूटान के बीच साझा सांस्कृतिक विरासत से सुदृढ़ हो रही है.
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, भूटान के आर्थिक मामलों के मंत्री, लोकनाथ शर्मा और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों सहित भूटान में भारत के राजदूत और भारत में भूटान के राजदूत, भूटान और भारत के विदेश सचिव, सचिव (पावर) भी इस हस्ताक्षर समारोह में उपस्थित थे जोकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया था.
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