अपनी समय-परीक्षित रक्षा साझेदारी को गति देते हुए, भारत और रूस ने अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के अमेठी में एक निर्माण सुविधा में छह लाख से अधिक AK-203 असॉल्ट राइफलों के संयुक्त उत्पादन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इन दोनों देशों ने 10 साल के लिए सैन्य सहयोग पर एक अन्य समझौते को भी अंतिम रूप दिया है.
भारत और रूस के बीच हुए सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग समझौते
सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग (IRIGC-M&MTC) पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की 20 वीं बैठक में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके रूसी समकक्ष जनरल सर्गेई शोइगु की सह-अध्यक्षता में यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन के साथ हुई. इन दोनों पक्षों ने अभी हाल ही में सैन्य उपकरणों के संयुक्त उत्पादन को बढ़ाने सहित रणनीतिक सहयोग को और बढ़ावा देने के तरीकों पर भी चर्चा की है.
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इन दोनों देशों ने छोटे हथियारों की कलाश्निकोव श्रृंखला के निर्माण के क्षेत्र में सहयोग के लिए हुए समझौते में संशोधन हेतु एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिस पर मूल रूप से फरवरी, 2019 में हस्ताक्षर किये गये थे.
सूत्रों ने यह भी बताया है कि, 20वें IRIGC-M&MTC के प्रोटोकॉल पर एक और समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
भारत-रूस असॉल्ट राइफल समझौता
इन चार समझौतों में सबसे महत्वपूर्ण भारत-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRPL) के माध्यम से 6,01,427 AK-203 असॉल्ट राइफल (7.63X39mm) के निर्माण के लिए हुआ समझौता था. सैन्य सहयोग पर 10 साल का यह समझौता मौजूदा ढांचे का नवीनीकरण है. इन राइफल्स का निर्माण भारतीय सशस्त्र बलों के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा.
रूस रहा है भारत का समय-परीक्षित मित्र
इस बैठक में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, राजनाथ ने रूस को भारत का लंबे समय से विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदार करार दिया और यह कहा कि, दोनों देशों के संबंध "समय-परीक्षित" थे और बहुपक्षवाद, वैश्विक शांति और समृद्धि, आपसी समझ और विश्वास सहित समान हितों पर आधारित थे.
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