भारत 19 जून 2017 को संयुक्त राष्ट्र के टीआईआर कन्वेंशन से जुड़ने वाला 71वां राष्ट्र बना. टीआईआर कन्वेंशन से दक्षिण एशिया एवं उसके बाहर भारत को अपने व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
भारत की विभिन्न कनेक्टिविटी परियोजनाओं को अलग-अलग देशों की ट्रांसपोर्ट और कस्टम सिस्टम के अनुरूप नहीं होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता था लेकिन टीआईआर लागू करने के बाद भारत को इन परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
टीआईआर माल परिवहन के लिए मानक है जिसका प्रबंधन विश्व सड़क परिवहन संगठन (आईआरयू) द्वारा किया जाता है. आईआरयू द्वारा ही टीआईआर का विकास किया गया है.
टिप्पणी
टीआईआर सिस्टम को लागू करने के भारत के फैसले का व्यापार पर दूरगामी असर पड़ेगा. इससे विभिन्न देशों की सीमा पर कई तरह की प्रक्रियाओं से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा जिससे माल की ढुलाई में लगने वाले समय और पैसे की बचत हो सकेगी. इस प्रणाली के लागू होने के बाद विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर कर का भुगतान किए बिना माल का परिवहन हो सकेगा.
इसके अतिरिक्त यह चीन के वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) के सम्मुख भारत के पास एक मजबूत हथियार है. इससे भारत के इंटरनैशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपॉर्ट कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) और चाबहार प्रॉजेक्ट को भी गति मिलेगी.
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