भारत दुनिया में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है. भारत ने सिर्फ दो महीने में यह उपलब्धि हासिल की है. कोरोना से संक्रमित लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टर और नर्स पीपीई का इस्तेमाल करते हैं. दूसरे कई पेशेवर भी खुद को संक्रमित होने से बचाने के लिए पीपीई का इस्तेमाल करते हैं.
भारत ने कोरोना की चुनौती को अवसर के रूप में इस्तेमाल करने का फैसला किया, जिसके चलते आज भारत में रोजाना लाखों पीपीई का उत्पादन हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के अपने पिछले संबोधन में कहा था कि भारत मुसीबत को भी अवसर में बदलने की क्षमता रखता है.
भारत केवल चीन से पीछे
कपड़ा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार ने पीपीई की क्वालिटी और मात्रा दोनों में सुधार करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, जिसके कारण भारत दो महीने से भी कम समय में पीपीई का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता बन गया है. अब भारत इस मामले में केवल चीन से पीछे है.
कपड़ा मंत्रालय ने यह व्यवस्था की है कि सरकार को पीपीई बॉडी कवरऑल की आपूर्ति सिर्फ प्रमाणित एजेंसियां ही कर पाएं. इसके अतिरिक्त अब टेक्सटाइल कमेटी मुंबई भी पीपीई किट की जांच और प्रमाणन का काम कर सकेगी.
पीपीई बॉडी कवरऑल की जरूरत ज्यादा
कपड़ा मंत्रालय के अतिरिक्त आयुक्त और टेक्सटाइल कमेटी के सचिव अजीत चव्हाण ने बताया कि कैसे कमेटी ने इस चुनौती को अवसर में तब्दील कर दिया. उन्होंने बताया कि दो महीने पहले जब पीपीई बॉडी कवरऑल की जरूरत ज्यादा होने लगी तब भारत ने इसके उत्पादन की कवायद शुरू की, लेकिन चीन के कुछ निर्यातकों ने विश्वभर में बढ़ती मांगों को देखते हुए अचानक मशीनों की कीमतें बढ़ा दीं. तब भारत ने घरेलू स्तर पर समस्त उपकरण और सामग्री को तैयार करने का फैसला किया और आज हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े निर्माता बन चुके हैं.
देश में कोरोना का कहर जारी
बता दें देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में पिछले कुछ दिनों में बेहद तेजी से इजाफा हुआ है. कई दिनों से लगातार रोजाना पांच हजार से ज्यादा मरीज पॉजिटिव मिल रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अब तक देश में 1,12,359 कोरोना वायरस के मरीज मिल चुके हैं. इसमें से 3435 लोगों की मौत हो चुकी है.
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