भारत और कंबोडिया ने रक्षा क्षेत्र में आपसी संबंधों को बढ़ावा देते हुए 27 जनवरी 2018 को चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कंबोडियाई समकक्ष समदेच हून सेन के बीच हुई समग्र वार्ता के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
दोनों देशों के नेताओं ने विकास साझेदारी को तेज करने की संभावनाओं को तलाशने पर भी चर्चा की और व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा संरक्षण, कृषि, पर्यटन और कल्चर समेत कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संबंध बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया.
भारत-कंबोडिया रक्षा समझौते
क्रम संख्या | समझौता/समझौता ज्ञापन/संधि और समझौते का उद्देश्य | मंत्री का नाम/भारत और कंबोडिया की ओर से समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान करने वाले अधिकारियों के नाम |
1. | 2018 से 2022 के बीच कंबोडिया के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम. सीईपी के तहत भारत और कंबोडिया के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहन और आपसी संबंधों को सुदृढ़ करना. | भारतीय पक्षः डॉ. महेश शर्मा, संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सरकार कंबोडिया पक्षः फोउरंग सकोना संस्कृति और ललितकला मंत्री कंबोडिया सरकार |
2. | एक्ज़िम बैंक, भारत सरकार और कंबोडिया सरकार के बीच क्रेडिट लाइन समझौता. इसके तहत 36.92 मिलियन डॉलर की स्टंग सवा हब जल संसाधन विकास परियोजना को ऋण मुहैया कराया जाएगा. | भारतीय पक्षः प्रीती सरन, सचिव (पूर्व) विदेश मंत्रालय कंबोडिया पक्षः फान फल्ला, अवर सचिव, अर्थव्यवस्था और वित्त मंत्रालय कंबोडिया सरकार |
3. | आपराधिक मामलों में परस्पर कानूनी सहयोग. इसका उद्देश्य आपराधिक मामलों में विधिक सहयोग के जरिए दोनों देशों के बीच अपराध को रोकने, जांच और आपराधिक मामलों में अभियोग के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है. | भारतीय पक्षः प्रीती सरन, सचिव (पूर्व) विदेश मंत्रालय कंबोडिया पक्ष सियेंग लाप्रेस, सलाहकार, अंतर्राष्ट्रीय अपराध के प्रभारी, गृह मंत्रालय कंबोडिया सरकार |
4. | आपसी सहयोग के जरिए मानव तस्करी को रोकने के लिए समझौता ज्ञापन. इसके तहत मानव तस्करी से जुड़े अपराधों की रोकथाम, मदद और पीड़ितों की स्वदेश वापसी के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाना. | भारतीय पक्षः प्रीती सरन, सचिव (पूर्व) विदेश मंत्रालय कंबोडिया पक्षः चो बुन ऐंग, सचिव, गृह मंत्रालय (मानव तस्करी) कंबोडिया सरकार |
भारत-कंबोडिया संबंध
भारत कंबोडिया के पुरातन काल के ऐतिहासिक सम्बन्ध पिछली शताब्दि के उत्तरार्ध में और भी प्रगाढ़ हुए जब कंबोडिया के राजनीतिक परिवर्तनों के दौरान भारत अपने पुराने मित्र और उसके नागरिकों के साथ-साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा. सांस्कृतिक सम्बन्धों में दोनों देशों की साझा विरासत का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है. 12वीं शताब्दी में बनाये गये ऐतिहासिक अंकोरवाट मंदिर का पुनरुद्धार इस सहयोग का उदाहरण है. कंबोडिया की लचीली आर्थिक नीतियों तथा आसियान आर्थिक समुदाय की स्थापना कंबोडिया में भारतीय निवेश के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान करतीं है. हर साल भारत कंबोडिया में 5 क्विक इम्पैक्ट प्रोजेक्ट क्रियान्वित कर रहा है. इन परियोजनाओं की संख्या सालाना 5 सेबढ़ाकर 10 करने का निर्णय लिया गया है. पांच सौ करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट डेवलपमेंट फण्ड भी स्थापित किया गया है.
यह भी पढ़ें: भारत में पहली बार महिला इमाम ने नमाज़ पढ़कर इतिहास रचा
Comments
All Comments (0)
Join the conversation