भारत ने 30 मार्च 2017 को अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के साथ अपने 'एसोसिएशन' का दर्जा घोषित कर दिया. इस संदर्भ में, केंद्रीय ऊर्जा एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने आईईए के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर फेथ बिरोल को औपचारिक पत्र सौंपा.
आईईए के एसोसिएशन मेंबर के तौर पर भारत आईईए के सदस्यों और एसोसिएशन देशों के बीच गहन सहयोग और सहभागिता हेतु पुल एवं मंच के तौर पर काम करेगा.
भारत और आईईए के बीच वर्ष 2011 से एक समझौता चला आ रहा है जिसके अनुसार दोनों ही तेल संबंधी आपात स्थिति का सामना करने हेतु क्षमता निर्माण पर काम कर रहे हैं.
टिप्पणी:
आज के समय में, दुनिया की ऊर्जा खपत का 70 फीसदी से भी अधिक आईईए के तहत आता है. आईईए ऊर्जा पर वैश्विक वार्ता का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह विश्व ऊर्जा क्षेत्र में यह अनुसंधान, आंकड़े, विश्लेषण और अनुशंसाएं प्रदान करता है.
बीते दो दशकों में आईईए के साथ भारत के संबंध काफी अच्छे हुए हैं और 'एसोसिएशन' का दर्जा मिलने के बाद भारत आईईए प्रशासन संरचना का गठन करने वाले स्थायी समूहों, समितियों और कार्य समूहों की बैठकों में हिस्सा ले सकेगा.
भारत आईईए के आंकड़े एकत्र करने की प्रक्रियाओं, सर्वेक्षण पद्धतियों और ऊर्जा आंकड़े की रेंज का भी पूरा लाभ ले सकेगा. इसके अलावा, भारत की भागीदारी आईईए सदस्य देशों के ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय क्षेत्रों को समृद्ध करेगी.
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के बारे में:
• वर्ष 1974 में स्थापित, आईईए परिस स्थित स्वायत्त संगठन है.
• इसका उद्देश्य तेल की आपूर्ति में प्रमुख बाधाओं के सामूहिक प्रतिक्रिया का समन्वय कर मुख्य रूप से अपने 29 सदस्य देशों को विश्वसनीय, न्यायोचित और स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित करना है.
• आईईए के चार प्रमुख क्षेत्र हैं– ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक विकास, पर्यावरणीय जागरुकता और विश्व में ऊर्जा के प्रति वचनबद्धता.
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