भारत द्वारा 19 जनवरी 2018 को ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (एजी) का सदस्य बनना एक महत्वपूर्ण कामयाबी है. इस समूह की सदस्यता के मिलने पर भारत अंतरराष्ट्रीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए मजबूती से दावेदारी रख सकता है.
ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (एजी) परमाणु अप्रसार की एक महत्वपूर्ण व्यवस्था है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निर्यातों से रासायनिक या जैविक हथियारों का विकास नहीं हो सके. मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) और वासेनार अरेंजमेंट (डब्ल्यूए) के बाद चार प्रमुख निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में से एक एजी की सदस्यता मिलने से भारत को 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में अपनी सदस्यता की दावेदारी पुख्ता बनाने में मदद मिल सकती है.
ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (एजी) में भारत
• ऑस्ट्रेलिया ग्रुप द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि 19 जनवरी 2018 को भारत औपचारिक रूप से ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (एजी) का सदस्य बन गया है.
• भारत को ऑस्ट्रेलिया ग्रुप के 43वें भागीदार के तौर पर शामिल किया.
• भारत के लिए यह परस्पर लाभदायक होगा और परमाणु अप्रसार के उद्देश्य में सहायता करेगा. ऑस्ट्रेलिया ग्रुप की सदस्यता से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एवं अप्रसार उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
• गौरतलब है कि भारत 2016 में मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) में शामिल हुआ जबकि वासेनार अरेंजमेंट (डब्ल्यूए) में पिछले साल शामिल हुआ था.
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ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (एजी) क्या है?
यह विभिन्न देशों का सहकारी और स्वैच्छिक समूह है जो उन सामग्रियों, उपकरणों और प्रौद्योगिकियों के प्रसार को रोकने के लिए काम कर रहा है जो देशों या आतंकवादी संगठनों की ओर से रासायनिक और जैविक हथियारों के विकास या अधिग्रहण में योगदान दे सकता है.
इसकी स्थापना वर्ष 1985 में उस समय की गयी थी जब एक वर्ष पूर्व इराक द्वारा रासायनिक हथियारों का उपयोग किया गया. ऑस्ट्रेलिया ग्रुप का उद्देश्य सदस्य देशों को उन निर्यातों की पहचान करने में मदद करना है जिन्हे नियंत्रित किये जाने की आवश्यकता है ताकि रासायनिक और जैविक हथियारों के प्रसार को रोका जा सके.
भारत के इस समूह में शामिल होने से पूर्व इसके 42 सदस्य थे जिसमें ओईसीडी के सभी सदस्य देश, यूरोपीय संघ के सभी 28 सदस्य देशों सहित यूक्रेन और अर्जेटीना भी शामिल हैं. संगठन का नाम ऑस्ट्रेलिया ग्रुप इसलिए रखा गया ऑस्ट्रलिया ने यह समूह बनाने के लिए पहल की थी.
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