Climate Change Performance Index: हाल ही में जारी क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स (CCPI) में भारत 8वें स्थान पर पहुँच गया है. भारत 63 देशों की जारी रैंकिंग में यह स्थान हासिल किया है. भारत को यह रैंकिंग उसके कम उत्सर्जन और नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग के आधार पर दी गयी है.
इस रैंकिंग में यूरोपियन यूनियन और 59 देशों के क्लाइमेट परफॉर्मेंस को ट्रैक करते हुए तैयार किया गया है, ये दुनिया में 92% से अधिक ग्रीनहाउस गैस इमिशन के लिय जिम्मेदार है. इस रैंकिंग में अमेरिका 52वें, कनाडा 58वें, रूस 59वें और ईरान लास्ट (63वें) स्थान पर है जो परफॉर्मेंस में वेरी लो कैटेगरी में शामिल है.
⚠️ #CCPI2023 is finally out! ⚠️
— Germanwatch (@Germanwatch) November 14, 2022
This year, the Climate Change Performance Index compares #ClimateAction implementation of 59 countries & EU.
Full Results: https://t.co/qVS2b80xUj
You can find the full ranking below and some key findings in the next tweet. 👇 #COP27 pic.twitter.com/OtbwP4BnuM
क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स रिपोर्ट:
- यह रिपोर्ट जर्मनवाच, न्यू क्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क द्वारा तैयार की गयी है. यह रैंकिंग इस बात पर आधारित है कि ये देश 2030 तक अपने इमिशन को कम करने के लिए कितना बेहतर परफॉर्म कर रहे है.
- इस रैंकिंग में पहले तीन स्थान पर कोई देश नहीं है, क्योंकि "किसी भी देश ने समग्र रूप से उच्च रेटिंग प्राप्त करने के लिए सभी सूचकांक श्रेणियों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है''.
- इस रैंकिंग में डेनमार्क को चौथे स्थान पर रखा गया है, इसके बाद स्वीडन और चिली का स्थान है.
- चीन जो ग्रीन हाउस गैसों का एक सबसे बड़ा उत्सर्जक है, इस वर्ष की सीसीपीआई रैंकिंग में 13 स्थान गिरकर 51वें स्थान पर आ गया है.
क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स 2023 - रेटिंग टेबल (टॉप 10)
रैंकिंग | देश | स्कोर |
1 | - | - |
2 | - | - |
3 | - | - |
4 | डेनमार्क | 79.61 |
5 | स्वीडन | 73.28 |
6 | चिली | 69.54 |
7 | मोरक्को | 67.44 |
8 | भारत | 67.35 |
9 | एस्टोनिया | 65.14 |
10 | नॉर्वे | 64.47 |
नोट- इस रैंकिंग में पहले तीन स्थान पर कोई देश नहीं है, क्योंकि "किसी भी देश ने समग्र रूप से उच्च रेटिंग प्राप्त करने के लिए सभी सूचकांक श्रेणियों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है''.
भारत ने कैसे हासिल की 8 वीं रैंक:
- भारत ने ग्रीन हाउस इमिशन और ऊर्जा उपयोग श्रेणियों में उच्च रेटिंग प्राप्त की है. जबकि भारत को जलवायु नीति और नवीकरणीय ऊर्जा वर्गों में मध्यम रेटिंग दी गयी है.
- भारत ने ग्रीन हाउस इमिशन को कम करने के कई अच्छे उपाय किये है और उन पर गंभीरता से अमल भी किया जा रहा है, जिस कारण से भारत ने इस रैंकिग में अच्छा प्रदर्शन किया है.
- सीसीपीआई की पिछली रैंकिंग के बाद, भारत ने नेशनल लेवल पर निर्धारित योगदान को अपडेट किया है. साथ ही भारत 2070 तक नेट-जीरो इमिशन का लक्ष्य भी रखा है.
- भारत पेरिस समझौते के तहत ग्लोबल टेम्परेचर वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे लाने और 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने की भी योजना बनायीं है.
- साथ ही भारत, 2005 के स्तर से 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45% तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध भी है.
- इन उपायों के आधार पर भारत ने क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स में अच्छा परफोर्म किया है.
रैंकिंग में G20 का प्रदर्शन:
इंडेक्स में G20 देशों की परफॉर्मेंस की बात करे तो भारत (8वें), यूनाइटेड किंगडम (11वें), और जर्मनी (16वें) केवल G20 तीन देश सीसीपीआई 2023 में उच्च प्रदर्शन करने वालों में शामिल है. इनके अतिरिक्त 12 G20 देशों की परफॉर्मेंस अच्छी नहीं है.
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 75% से अधिक उत्सर्जन G20 के देश करते हैं, इसके आधार पर कह सकते है कि G20 देशों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है. कनाडा, रूस, दक्षिण कोरिया और सऊदी अरब G20 के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में शामिल है.
क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स के बारे में:
क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स वर्ष 2005 से प्रतिवर्ष प्रकाशित किया जाता है. यह रैंकिंग जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विभिन्न देशों द्वारा किये गए प्रयासों को ट्रैक करता है.
इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय जलवायु राजनीति में पारदर्शिता को बढ़ाना है साथ ही जलवायु संरक्षण के प्रयासों और अलग-अलग देशों द्वारा की गई प्रगति की तुलना को प्रदर्शित करना है. इस इंडेक्स को जर्मनवॉच, न्यूक्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क प्रतिवर्ष प्रकाशित करते है.
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