भारत ने आधिकारिक तौर पर तकनीकी मंदी की दर्ज, वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में GDP में 7.5 प्रतिशत की गिरावट

Nov 30, 2020, 11:59 IST

वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में GDP की कीमतें लगातार 33.14 लाख करोड़ रुपये (आधार वर्ष 2011-12) आंकी गई थीं, जबकि वित्त वर्ष 2019-20 के दूसरी तिमाही में भारत की GDP 35.84 लाख करोड़ रुपये थी.

India officially enters technical recession, GDP contracts by 7.5 percent in Q2 of FY21
India officially enters technical recession, GDP contracts by 7.5 percent in Q2 of FY21

27 नवंबर, 2020 को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में भारतीय अर्थव्यवस्था मने 7.5 प्रतिशत तक गिरावट हुई. इस संकुचन के साथ, भारत ने पहली बार आधिकारिक तौर पर तकनीकी मंदी दर्ज की है.

यह संकुचन वित्त वर्ष 2020-21 की पहले तिमाही से एक प्रतिक्षेप है. अप्रैल से जून तिमाही (पहली तिमाही, वित्त वर्ष 2020-21) में भारत की अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई थी, जिसने 40 वर्षों में सबसे अधिक पहला संकुचन दर्शाया था क्योंकि कोविड -19 महामारी ने उपभोक्ता मांग और निजी निवेश को प्रमुख रूप से प्रभावित किया.

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अनुसार, सकल मूल्य वर्धित (GVA) वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के दौरान शून्य से भी 07 प्रतिशत नीचे आ गया था.

मुख्य विवरण

  • वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में लगातार GDP की कीमतों का अनुमान 33.14 लाख करोड़ रुपये (आधार वर्ष 2011-12) था, जबकि वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में GDP का यह अनुमान 35.84 लाख करोड़ रुपये था. यह वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में 4.4 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में 7.5 प्रतिशत का संकुचन दर्शाता है.
  • वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के लिए आधार मूल्यों पर लगातार GVA की कीमतें वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में अनुमानित रूप से 30.49 लाख करोड़ रुपये (आधार वर्ष 2011-12) थीं, जबकि 2019-20 की दूसरी तिमाही में 32.78 लाख करोड़ रुपये थी. इससे 7 प्रतिशत का संकुचन दिखा.
  • इसके अलावा, रियल एस्टेट, वित्तीय और पेशेवर सेवा क्षेत्र में 8.1 प्रतिशत की गिरावट और निर्माण क्षेत्र में 8.6 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.

इन सेक्टरों ने वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर्शाई

कुछ क्षेत्रों की आर्थिक गतिविधियों में फिर से विकास शुरू हुआ, क्योंकि बिजली, पानी की आपूर्ति, गैस और अन्य उपयोगिता सेवाओं में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

कृषि, मछली उद्योग और वानिकी सहित अन्य क्षेत्रों में भी 3.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और विनिर्माण क्षेत्र में 0.6 प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी गई.

पृष्ठभूमि

कोविड - 19 महामारी से पहले से ही भारतीय अर्थव्यवस्था की गति धीमी हो रही थी, पिछले वित्त वर्ष में यह केवल 4.2 प्रतिशत थी जोकि पिछले 11 वर्षों में सबसे धीमी गति है.

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