भारत में सबसे ज्यादा हैं जैविक किसान और विश्व में जैविक खेती का 9वां सबसे बड़ा क्षेत्रफल

Aug 21, 2020, 17:54 IST

सिक्किम पूरी तरह से जैविक कृषि करने वाला दुनिया का पहला राज्य बन गया है. उत्तराखंड और त्रिपुरा सहित अन्य राज्यों ने भी समान स्थिरता के लक्ष्य निर्धारित किए हैं.

India ranks first in number of organic farmers, 9th in terms of area under organic farming in Hindi
India ranks first in number of organic farmers, 9th in terms of area under organic farming in Hindi

भारत को जैविक किसानों के मामले में पहले स्थान पर और जैविक खेती के तहत क्षेत्र के लिए नौवें स्थान पर रखा गया है.
सिक्किम पूरी तरह से जैविक बनने वाला दुनिया का पहला राज्य बन गया है. उत्तराखंड और त्रिपुरा सहित अन्य राज्यों ने भी ऐसे समान संधारणीयता (सस्टेनेबिलिटी) लक्ष्य निर्धारित किए हैं.

उत्तर-पूर्व भारत पारंपरिक रूप से जैविक रहा है और यहां रसायनों की खपत देश के बाकी हिस्सों की तुलना में बहुत कम है. जनजातीय और द्वीप क्षेत्रों को भी उनके जैविक तरीकों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

भारत में जैविक खेती

• भारत में जैविक खेती कोई नई अवधारणा नहीं है, क्योंकि भारतीय किसानों ने पारंपरिक रूप से अपनी भूमि पर, बिना रसायनों के उपयोग के, जैविक खादों और गोबर सहित जैविक अवशेषों पर निर्भर रहते हुए, जोताई (खेती) की है.

• जैविक खेती में प्राकृतिक तत्वों जैसे मिट्टी, पानी, जीवाणुओं और अपशिष्ट उत्पादों, वानिकी और कृषि का एकीकरण शामिल है. यह कृषि-आधारित उद्योग के लिए भोजन और कच्चे माल (फीडस्टॉक) की बढ़ती आवश्यकता के कारण प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग के लिए आदर्श पद्धति है. यह सतत विकास लक्ष्य 2 के अनुरूप भी है जिसका उद्देश्य ‘भूख को समाप्त करना, खाद्य सुरक्षा एवं बेहतर पोषण प्राप्त करना और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना है’.

• भारतीय जैविक किसान अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुपालन में अधिक जागरूकता और क्षमता निर्माण के साथ वैश्विक कृषि व्यापार में अपनी जगह बनाने में सक्षम होंगे.

मुख्य विशेषताएं 

• केंद्र सरकार ने प्राकृतिक, जैविक और रासायन-मुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2015 में दो समर्पित कार्यक्रम शुरू किए थे. योजनाओं में शामिल हैं:

1. उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट (MOVCD)

2. परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY)

• किसानों को जैविक खेती अपनाने और लाभकारी (प्रीमियम) कीमतों के कारण पारिश्रमिक में सुधार के लिए दो कार्यक्रमों की शुरुआत की गई.

• कृषि-निर्यात नीति वर्ष 2018 का उद्देश्य भारत को वैश्विक जैविक बाजारों में एक प्रमुख कारोबारी  के तौर पर उभरने में मदद करना है.

• भारत के प्रमुख जैविक निर्यात में सन बीज, तिल, सोयाबीन, चाय, औषधीय पौधे, चावल और दालें शामिल हैं. ये निर्यात वर्ष 2018-19 में जैविक निर्यात में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि में सहायक थे, जिनका कुल मूल्य 5151 करोड़ रुपये तक था. 

• केंद्र आगे भी जैविक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म www.jaivikkheti.in को मजबूत करने के लिए किसानों को खुदरा के साथ थोक खरीदारों के साथ जोड़ने की भी कोशिश कर रहा है. इससे डिजिटल प्रौद्योगिकी को बहुत अधिक प्रोत्साहन मिलेगा. इस महामारी के दौरान यह प्रमुख टेक-अवे में से एक रहा है.

जैविक उत्पादों का प्रमाणन

भारत सरकार के दो केंद्रीय कार्यक्रम PKVY और MOVCD, भागीदारी गारंटी सिस्टम (PGS) और जैविक उत्पादन के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPOP) के तहत प्रमाणन को बढ़ावा देते हैं और क्रमशः घरेलू और निर्यात बाजारों को लक्षित करते हैं क्योंकि प्रमाणीकरण ग्राहक विश्वास पैदा करने के लिए जैविक उत्पादन का एक महत्वपूर्ण तत्व है.

खाद्य सुरक्षा और मानक (जैविक खाद्य पदार्थ) विनियम, 2017 भी PGS और NPOP मानकों पर आधारित हैं. उपभोक्ता को उत्पादन की जैविक प्रामाणिकता निर्धारित करने के लिए, उत्पादन पर FSSAI, Jaivik Bharat / PGS Organic India के लोगो को देखना चाहिए. PGS ग्रीन सर्टिफिकेशन ‘ऑर्गेनिक’ के अनुपालन के तहत रासायन-मुक्त उत्पादन को दिया जाता है, जिसमें 3 साल लग जाते हैं. 

पृष्ठभूमि

परम्परागत कृषि विकास योजना लगभग 40,000 समूहों की सहायता करने में सक्षम है, जिसमें लगभग 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र शामिल है. उत्तर-पूर्वीय क्षेत्र के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट ने करीब 160 किसान उत्पादक संगठनों को भी अपने मिशन में शामिल किया है, जो लगभग 80,000 हेक्टेयर क्षेत्र में खेती कर रहे हैं.

हालांकि, इन समूहों को स्थाई बनाने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि, बाजार के लिए उत्पादन एक अनुबंध कृषि मोड में शुरू हो ताकि उपज के लिए एक तैयार बाजार हो और उद्योग को भी वांछित गुणवत्ता और मात्रा मिल सके.

उच्चतम क्षमता वाली वस्तुओं में अदरक, हल्दी, काले चावल, मसाले, न्यूट्री अनाज, अनानास, औषधीय पौधे, एक प्रकार का अनाज (बकवीट/ कूटू) और बांस के अंकुर शामिल हैं.

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