भारत के वैज्ञानिकों द्वारा 11 फरवरी 2017 को ओडिशा स्थित अब्दुल कलाम आइलैंड से इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. यह मिसाइल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित की गयी है.
इस मिसाइल को सुबह 7 बजकर 45 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया. यह एक द्वि-सतही बलिस्टिक इंटरसेप्टर मिसाइल है जिससे भारतीय रक्षा बेड़े में नया इजाफा हुआ है. यह मिसाइल नवीनतम तकनीक से लैस है इसे भारतीय रक्षा प्रणाली के लिए अहम माना जा रहा है.
डीआरडीओ द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस मिसाइल को पीडीवी अभियान के तहत विकसित किया गया जो पृथ्वी के वायुमंडल से 50 किमी ऊपर बाहरी वायुमंडल में स्थित लक्ष्यों पर सटीक निशाना लगा सकती है.
परीक्षण
मिसाइल के परीक्षण के लिए एक बैलिस्टिक मिसाइल को दुश्मन की मिसाइल के रूप में विकसित किया गया. इस लक्ष्य को 2,000 किलोमीटर से अधिक दूरी से बंगाल की खाड़ी में एक पोत से दागा गया. इंटरसेप्टर मिसाइल ने राडार से मिल रहे सिग्नल की बदौलत इस मिसाइल को पहचान लिया तथा भारतीय क्षेत्र में दुश्मन की मिसाइल के प्रवेश करते ही उस पर निशाना साध दिया. भारतीय मिसाइल ने आकाश में 50 किलोमीटर ऊपर ही इस मिसाइल को नष्ट कर दिया तथा अपनी सटीकता का प्रमाण दिया.
डीआरडीओ द्वारा दो चरणों में पीडीवी मिसाइल को विकसित किया जा रहा है, इसे द्विस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम का हिस्सा बनाया गया है. यह मिसाइल 80-120 किलोमीटर के दायरे में आने वाली मिसाइलों को ढूंढकर उन्हें नष्ट कर सकती है.
यह प्रणाली पूरी तरह स्वचालित है जिस पर सेंसर, कंप्यूटर व लॉन्चर लगे हुए हैं. यह दुश्मन की मिसाइल को ढूंढकर उन्हें आसमान में ही नष्ट करने में सक्षम है. यह इंटरसेप्टर मिसाइल परमाणु आयुध ढोने में सक्षम पृथ्वी मिसाइल पर आधारित है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation