भारतीय नौसेना ने सर्फेस सर्विलांस रडार (एसएसआर) की खरीदारी हेतु नोवा इंटिग्रेटेड सिस्टम्स लिमिटेड के साथ अनुबंध किया है. भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप बाई एंड मेक (भारत) श्रेणी के तहत किया गया यह पहला अनुबंध है.
किसी सशस्त्र सेना द्वारा बाई एंड मेक श्रेणी में किया गया अब तक के पहले समझौता के तहत दो दर्जन निगरानी राडार 200 करोड रुपए में खरीदे जाने है. ख़रीदे गए यह राडार मौजूदा बेड़े के साथ निर्माणाधीन युद्ध पोतों पर भी लगाए जाएंगे.
राडार में लगे हाईटेक सेंसर 12 किलोमीटर के दायरे में टारगेट की तलाश करने में सक्षम हैं.
नोवा इंटिग्रेटेड सिस्टम्स लिमिटेड के बारे में-
- नोवा इंटिग्रेटेड सिस्टम्स लिमिटेड का मुख्यालय हाई टेक सिटी हैदराबाद में है.
- नोवा इंटिग्रेटेड सिस्टम्स लिमिटेड टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है.
- नोवा इंटिग्रेटेड सिस्टम्स लिमिटेड सेना के लिए विभिन्न उपकरण और जीवन रक्षक वस्तुएं तैयार करता है.
- नोवा इंटिग्रेटेड सिस्टम्स लिमिटेड डेनमार्क की कंपनी टेरमा के सहयोग से इन अत्याधुनिक रडारों का देश में ही निर्माण करेगी.
- इस अनुबंध के साथ भारतीय नेवी द्वारा उच्च तकनीक सेंसरों के उत्पादन में भारत के निजी उद्योग का प्रवेश किया जा रहा है.
- सर्फेस सर्विलांस रडार (एसएसआर) की खरीदारी अपने बेड़े के आधुनिकीकरण हेतु भारतीय नौसेना की योजना का एक हिस्सा है और इन रडारों को निर्माणाधीन जहाजों पर स्थापित किया जाएगा.
- निजी उद्योग की भागीदारी से सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण तथा भारतीय रक्षा औद्योगिक आधार का निर्माण करने के सरकार के अभियान को आज हस्ताक्षरित अनुबंध से बहुत बढ़ावा मिलेगा.
- नौसेना के अनुसार भारतीय नेवी के लिए यह डील हाईटेक सेंसर प्रोडक्शन में भारतीय प्राइवेट कंपनी प्रवेश का माध्यम है.
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