इस शीर्ष सरकारी अधिकारी ने 13 सितंबर, 2201 को यह सूचित किया है कि, अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में संशोधन किया जा रहा है जिससे विदेशी कंपनियों के लिए देश में निवेश करने के बड़े अवसर खुल सकेंगे.
अंतरिक्ष विभाग (DoS) के सचिव और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के. सिवन ने यह कहा कि, विदेशी कंपनियों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में अपने भारतीय समकक्षों के साथ गठजोड़ करने की बहुत बड़ी गुंजाइश है.
वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी
इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) के मनोनीत अध्यक्ष पवन गोयनका ने यह बताया कि, 440 बिलियन अमरीकी डालर की वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 02 प्रतिशत से कम है, भले ही हमारा देश एक प्रमुख अंतरिक्ष देश है.
इसरो की उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए, गोयनका ने आगे यह कहा कि, भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने एक मामूली बजट के साथ प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने में जो हासिल किया है, उससे वे बहुत प्रभावित हैं.
भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI)
के. सिवन ने यह बताया कि, विदेशी कंपनियों की ओर से भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में काफी दिलचस्पी दिखाई जा रही है. यह गठजोड़ भारतीय और विदेशी कंपनियों के बीच निरंतर जुड़ाव सुनिश्चित करेगा जो दोनों के लिए बहुत फायदेमंद होगा.
40 से अधिक अंतरिक्ष उद्योग और स्टार्टअप्स इसरो के परामर्श से अंतरिक्ष गतिविधि के विभिन्न क्षेत्रों जैसे लॉन्च वाहनों, उपग्रहों के विकास और अनुप्रयोगों के विकास से संबंधित समर्थन के लिए परामर्श कर रहे हैं.
भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों को किया गया आमंत्रित
इससे पहले अक्टूबर, 2020 में अंतरिक्ष विभाग द्वारा निजी कंपनियों को भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति देने के बाद, निजी भारतीय कंपनियों को नई प्रणाली विकसित करने के साथ-साथ विदेशी कंपनियों को अपनी सेवाएं बेचने में सक्षम बनाने के लिए एक नीति का प्रस्ताव पेश किया गया था.
IN-SPACE: अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों का मार्गदर्शक
अंतरिक्ष विभाग के तहत IN-SPACe, राष्ट्रीय स्तर की एक ऐसी स्वायत्त नोडल एजेंसी है जो इसरो की विशेषज्ञता, प्रौद्योगिकी और सुविधाओं को साझा करने, प्रचारित करने, साझा करने और भारत में निजी क्षेत्र द्वारा अंतरिक्ष गतिविधियों को अधिकृत और निगरानी करने से संबंधित विभिन्न कार्य कर रही है.
अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी उद्योगों का मार्गदर्शन करने के लिए जून, 2020 में IN-SPACe का गठन किया गया था. केंद्र सरकार के इस कदम का उद्देश्य अंतरिक्ष गतिविधियों की पूरी श्रृंखला में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाना है.
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