प्रदूषण पर नियंत्रण करने हेतु दिल्ली सरकार की डीटीसी और क्लस्टर बसें जल्द ही हाइड्रोजन सीएनजी (हाइड्रोजन कम्प्रैस्ड नेचुरल गैस) से ही चलेंगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत दिल्ली में बसों में एचसीएनजी का प्रयोग पहली बार किया जाएगा. बसों में हाइड्रोजन सीएनजी के प्रयोग के लिए सरकार द्वारा अन्य एजेंसियों के सहयोग से जल्द ही पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा.
इसके अंतर्गत एचसीएनजी के प्रयोग के पहले चरण में 50 क्लस्टर बसों को 6 महीने तक दिल्ली की सड़कों पर चलाया जाएगा और इस प्रोजेक्ट की निगरानी ईपीसीए द्वारा की जाएगी. दिल्ली में पहला हाइड्रोजन सीएनजी स्टेशन भी बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. यह हाइड्रोजन सीएनजी स्टेशन राजघाट स्थित क्लस्टर डिपो में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा बनाया जाएगा.
नवंबर से होगा लागू
• क्लस्टर बसों में हाइड्रोजन सीएनजी का परीक्षण सफल रहने के बाद डीटीसी और क्लस्टर की अन्य बसों में भी हाइड्रोजन सीएनजी ईंधन का प्रयोग किया जाएगा.
• इस नए वाहन ईंधन के प्रयोग से यह पता लगाया जाएगा कि प्रदूषण के स्तर को कम करने में कितनी मदद मिल सकती है और यह सीएनजी से कितना बेहतर साबित हो सकता है.
• ट्रायल के तौर पर बसों में 6 महीने तक प्रयोग की जाने वाली हाइड्रोजन सीएनजी की रिपोर्ट की सुप्रीम कोर्ट समीक्षा करेगा.
• यदि परिणाम बेहतर साबित हुए तो नवंबर 2019 से हाइड्रोजन सीएनजी का बतौर ईंधन अन्य वाहनों में प्रयोग शुरू हो सकता है.
क्यों है आवश्यक?
राजधानी दिल्ली में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, जिससे लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है, साथ ही कई बीमारियों के फैलने की आशंका है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जल्द ही इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जाएगा. हालांकि यह प्रोजेक्ट 3 महीने की देरी से चल रहा है लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा. इसके साथ दिल्ली के सीएनजी पंप में भी किसी तरह का बदलाव नहीं करना पड़ेगा.
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