Mount Semeru volcano erupts: इंडोनेशिया का माउंट सेमेरु वोल्केनो हाल ही में फटा है. जिसके कारण उसके आस-पास के इलाके में धुँआ और उससे निकली राख फ़ैल गयी. सुरक्षा की दृष्टि से वहां रह रहे 2000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है.
इंडोनेशिया के ज्वालामुखी विज्ञान और भूगर्भीय खतरे पर कार्य करने वाले केंद्र के अनुसार इसे लेवल 4 का स्टेटस दिया गया है जो एक हाई लेवल का खतरा है.
Mount Semeru (Indonesia's tallest volcano named after Su-Meru) erupts and shows why it is Mahameru. pic.twitter.com/V4oMHSHbCV
— Ashwin Sanghi (@ashwinsanghi) December 5, 2022
सरकार की ओर से अहम् चेतावनी जारी की गयी:
माउंट सेमेरु ज्वालामुखी की राख, उसके सेंटर से 12 किलोमीटर दूर तक पहुँच गयी है. साथ ही सरकार ने कम से कम 17 किलोमीटर दूर रहने की चेतावनी जारी की है.
सुनामी की कोई चेतावनी नहीं:
जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक, ज्वालामुखी का गुबार 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच गया था. लेकिन एजेंसी ने कहा कि सेमेरू के लिए सुनामी की कोई चेतावनी नहीं है जो थोड़ी राहत की बात है.
माउंट सेमेरू वोल्केनो के बारें में:
सेमेरू वोल्केनो, इंडोनेशिया में स्थित है जो पूर्वी जावा द्वीप के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी में से एक है. यह इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता से 640 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
सेमेरू वोल्केनो आखिरी बार बड़ा विस्फोट दिसंबर 2021 में हुआ था. इसे महामेरु के नाम से भी जाना जाता है यह पिछले 200 वर्षों में कई बार फूट चुका है.
इंडोनेशिया के बारें में:
इंडोनेशिया, इंडियन और पैसिफिक ओसियन के मध्य साउथ ईस्ट एशिया और ओशिनिया का एक देश है. इसमें सुमात्रा जावा, सुलावेसी और बोर्नियो और न्यू गिनी के कुछ भाग सहित 17,000 से अधिक आइलैंड है.
इंडोनेशिया सबसे अधिक आपदा प्रवण देशों में से एक है. इंडोनेशिया में विश्व स्तर पर ज्वालामुखी के करीब रहने वाली सबसे बड़ी आबादी है जहाँ 142 वोल्केनो है.
वोल्केनो के बारें में:
ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह में एक टूटन या दरार है, जिसमें से लावा, राख, तरल चट्टानें और गैसें निकलती है. आच्छादन (mantle) में एक कमजोर क्षेत्र होता है जिसे एस्थेनोस्फीयर कहा जाता है. मैग्मा एस्थेनोस्फीयर (asthenosphere) में मौजूद मैटेरियल है.
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