आईएनएस तरंगिनी जहाज अपनी लोकायन-18 समुद्री यात्रा के दौरान सातवें बंदरगाह ब्रिटेन के सुंदरलैंड पहुंचा, जहां यह प्रतिष्ठित ‘टॉल शिप रेसेस-2018’ में शामिल होगा.
यह जहाज भारतीय नौसेना के दक्षिणी नौसैनिक कमान के तहत कोच्चि आधारित पहले प्रशिक्षण दल का हिस्सा है.
तरंगिनी नाम:
जहाज का यह तरंगिनी नाम हिन्दी शब्द तरंग से जुड़ा है, जिसका मतलब लहर होता है, इस तरह तरंगिनी का मतलब वह जो लहरों की सवारी करे.
लोकायन का मतलब:
लोकायन संस्कृत शब्द ‘लोक्या’ मतलब पूरी दुनिया और ‘यान’ मतलब यात्रा शब्द से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ दुनिया की यात्रा करना है.
आईएनएस तरंगिनी:
- आईएनएस तरंगिनी भारतीय नौसेना का वह पहला जहाज है, जो वर्ष 2003-04 में पूरी दुनिया का भ्रमण कर चुका है.
- यह वर्ष 2007, वर्ष 2011 और वर्ष 2015 में दुनिया भर में आयोजित टॉल शिप रेसेस में शामिल हो चुका है.
- अपनी 21 साल की सेवा में आईएनएस तरंगिनी लोकायन-18 के साथ एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है.
- तीन मस्तूलों वाला आईएनएस तरंगिनी को वर्ष 1997 में भारतीय नौसेना के लिए जहाज चलाने का प्रशिक्षण देने के लिए बनाया गया था. इसका निर्माण ब्रिटेन के नेवल आर्किटेक्ट कोलिन मुडी की डिजाइन के आधार पर गोवा में किया गया था.
आईएनएस तरंगिनी की ‘लोकायन-18’:
आईएनएस तरंगिनी की ‘लोकायन-18’ की शुरूआत 10 अप्रैल 2018 को कोच्चि से हुई थी, जिसे 20 हजार नॉटिकल मिल की दूरी तय करनी है.
यह समुद्री यात्रा सात महीने चलेगी और तरंगिनी 13 देशों के 15 बंदरगाहों पर भारतीय झंडा फहराने का सम्मान पाएगा.
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