दिवालियापन बोर्ड ने भारतीय रिजर्व बैंक के साथ एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए

Mar 14, 2018, 11:26 IST

दिवाला एवं दिवालियापन संहिता में उद्यमिता को बढ़ावा देने, ऋण उपलब्‍ध कराने एवं समस्‍त हितधारकों के हितों में संतुलन बैठाने का भी प्रावधान किया गया है.

Insolvency and Bankruptcy Board of India signs MoU with Reserve Bank of India
Insolvency and Bankruptcy Board of India signs MoU with Reserve Bank of India

भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) ने 12 मार्च 2018 भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए. दिवाला एवं दिवालियापन संहिता,  2016 में समयबद्ध ढंग से कॉरपोरेट व्‍यक्तियों, साझेदारी फर्मों और विभिन्‍न लोगों के दिवाला संबंधी समाधान का उल्‍लेख किया गया है, ताकि इस तरह के व्‍यक्तियों की परिसम्‍पत्तियों के मूल्‍य को अधिकतम किया जा सके.

संहिता की मुख्य बातें

• इस संहिता में उद्यमिता को बढ़ावा देने, ऋण उपलब्‍ध कराने एवं समस्‍त हितधारकों के हितों में संतुलन बैठाने का भी प्रावधान किया गया है.


• इसके लिए एक संस्‍थागत बुनियादी ढांचा स्‍थापित किया गया है जिसमें निर्णयन प्राधिकरण, आईबीबीआई, दिवा‍ला प्रोफेशनल, दिवाला प्रोफेशनल एजेंसियां और सूचना उपक्रम शामिल हैं.

• इस संहिता में विभिन्‍न प्रक्रियाओं यथा दिवाला समाधान, कंपनी के परिसमापन, व्‍यक्तिगत दिवाला समाधान और व्‍यक्तिगत दिवालियेपन से संबंधित नियमों का उल्‍लेख किया गया है.

• आरबीआई और आईबीबीआई दोनों ही एक त्‍वरित एवं दक्ष समाधान प्रक्रिया के जरिए इस संहिता और इससे संबद्ध नियमों एवं विनियमनों के प्रभावकारी क्रियान्‍वयन में काफी दिलचस्‍पी रखते हैं. यही कारण है कि इन दोनों ने एमओयू के तहत एक-दूसरे की सहायता करने और आपस में सहयोग करने पर सहमति जताई है, ताकि इस संहिता का प्रभावकारी क्रियान्‍वयन सुनिश्चित किया जा सके. हालांकि, इस संदर्भ में लागू किए जा चुके कानूनों द्वारा तय की गई सीमाओं को भी ध्‍यान में रखना होगा.

 


उपर्युक्‍त एमओयू में इन बातों का उल्‍लेख किया गया है:

(1) दोनों पक्षों के बीच सूचनाओं को साझा करना, जिसके लिए पहले से ही लागू कानूनों द्वारा तय की गई सीमाओं को भी ध्‍यान में रखना होगा,

(2) उपलब्‍ध संसाधनों को एक-दूसरे के साथ उस हद तक साझा करना जिसकी कानूनन अनुमति दी गई है,

(3) आपसी हितों के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए समय-समय पर बैठकें आयोजित करना

(4) एक-दूसरे के कर्मचारियों को प्रशिक्षि‍त करना, ताकि सामूहिक संसाधनों के कारगर उपयोग के लिए हर पक्ष को दूसरे पक्ष के मिशन से भलीभांति अवगत कराया जा सके,

(5) दिवाला प्रोफेशनलों और वित्तीय ऋणदाताओं का क्षमता निर्माण करना और

(6) संहिता के प्रावधानों, इत्‍यादि के तहत विभिन्‍न प्रकार के संकटग्रस्‍त कर्जदारों की त्‍वरित दिवालिया समाधान प्रक्रिया की अहमियत और आवश्‍यकता के बारे में वित्तीय ऋणदाताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्‍त रूप से प्रयास करना.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News