World Economic Outlook report: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वर्ष 2022 में भारत की आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 6.8 % कर दिया है. आईएमएफ ने अन्य वैश्विक एजेंसियों के अनुमानों की तरह, भारत की विकास दर को कम करके आंका है. हाल के वैश्विक घटनाक्रमों को देखते हुए इस तरह के अनुमान जारी किये जा रहे है. हाल के लगभग सभी वैश्विक वित्तीय एजेंसियों ने भारत सहित विश्व के अन्य देशों लिए इस तरह के अनुमान जारी कर रहे है.
IMF Growth Forecast: 2023
— IMF (@IMFNews) October 11, 2022
USA🇺🇸: 1%
Germany🇩🇪: -0.3%
France🇫🇷: 0.7%
Italy🇮🇹: -0.2%
Spain🇪🇸: 1.2%
Japan🇯🇵: 1.6%
UK🇬🇧: 0.3%
Canada🇨🇦: 1.5%
China🇨🇳: 4.4%
India🇮🇳: 6.1%
Russia🇷🇺: -2.3%
Brazil🇧🇷: 1%
Mexico🇲🇽: 1.2%
KSA🇸🇦: 3.7%
Nigeria🇳🇬: 3%
RSA🇿🇦: 1.1%https://t.co/VBrRHOfbIE #WEO pic.twitter.com/0TDJbgSuka
वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट:
- हाल ही में आईएमएफ ने अपनी वार्षिक वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट जारी की है जिसमे कहा गया है कि वर्ल्ड इकोनॉमी अपेक्षा से अधिक मंदी का सामना कर रही है जिसका सीधा प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर देखा जा रहा है.
- वैश्विक विकास: इस रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक विकास दर वर्ष 2021 में 6.0 प्रतिशत थी जो घटकर 2022 में 3.2 प्रतिशत के अनुमान पर है. साथ ही वर्ष 2023 में 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
मुद्रास्फीति: इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति कई दशकों की तुलना में अधिक हुई है. इसके लिए हाल की वैश्विक उथल-पुथल को जिम्मेदार ठहराया गया है. - वैश्विक मुद्रास्फीति: रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक मुद्रास्फीति 2021 में 4.7 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 8.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. लेकिन साथ ही 2023 में 6.5 प्रतिशत और 2024 तक 4.1 प्रतिशत तक घटने का अनुमान लगाया गया है.
- राजकोषीय नीति: रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे उबरने के लिए राजकोषीय नीति को लेकर कड़े फैसले लेने की आवश्यकता होगी.
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा जारी यह वर्ष की दूसरी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट है.
- चीन की अर्थव्यवस्था: चीन की अर्थव्यवस्था के लिए विकास दर अनुमान 3.2 प्रतिशत है, जो 2021 में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि दर से कम है.
भारत की अर्थव्यवस्था के बारें में रिपोर्ट में क्या है?
आईएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2022 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत कर दिया है. जुलाई में दिए गए पूर्वानुमान से यह 0.6 प्रतिशत की गिरावट आई है. आईएमएफ ने अप्रैल 2022 में शुरू हुए वित्तीय वर्ष में भारत की जीडीपी में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था, यह पूर्वानुमान इस साल जनवरी में अनुमानित 8.2 प्रतिशत से भी कम था. भारत की विकास दर 2021-22 के वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) में 8.7 प्रतिशत थी.
क्यों दर्ज की जा रही गिरावट?
भारत सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था में दर्ज की जा रही गिरावट का मुख्य कारण रूस-यूक्रेन युद्ध को माना जा रहा है. साथ ही अभी विश्व कोविड-19 महामारी से पूरी तरह से उबर नहीं पाया है. जिसका सीधा प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर देखा जा रहा है.
संयुक्त राज्य अमेरिका में, मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों को सीधा असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर देखा जा रहा है. क्योंकि रिपोर्ट में अगले वर्ष के लिए अमेरिका के विकास दर के अनुमान को भी घटाया गया है. चीन में निरंतर लॉकडाउन और हाल की कमजोर आर्थिक क्षमता को देखते हुए, अगले साल के विकास के अनुमान को घटाकर 4.4 प्रतिशत कर दिया है. इन पूर्वानुमानों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव देखा जा रहा है.
वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के बारे में:
वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा वर्ष में दो बार प्रकाशित की जाती है. इसे वर्ष में अप्रैल और अक्टूबर महीनें में जारी की जाती है. इस रिपोर्ट में मध्यम अवधि के लिए आर्थिक विकास विश्लेषण और आर्थिक विकास पूर्वानुमान जारी किया जाता है. IMF इसके अतिरिक्त वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट भी जारी करता है.
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