इस्राइल की नौसेना अपने आर्थिक क्षेत्रों एवं रणनीतिक केंद्रों को विविध खतरों से बचाने के लिए भारत और इस्राइल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई बहुप्रयोजक बराक-8 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद करेगी.
इस्राइल की एक शीर्ष एअरोस्पेस कंपनी के मुताबिक इस प्रणाली की बिक्री पांच अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गई है.
मिसाइल प्रणाली को विकसित किया:
इस मिसाइल प्रणाली को इस्राइल एअरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई), भारत के डीआरडीओ, इस्राइल के एडमिनिस्ट्रेशन फॉर द डेवलपमेंट ऑफ वेपन्स एंड टेक्नोलॉजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर, एल्टा सिस्टम्स, राफेल और कुछ अन्य भारतीय रक्षा कंपनियों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है.
बराक-8 |
बराक-8 एक हवाई एवं मिसाइल रक्षा प्रणाली है जो अभी अमल में है. इस्राइली नैसेना के साथ-साथ भारतीय नौसेना और वायुसेनाएं भी इसका इस्तेमाल कर रही हैं. बराक 8 एक भारतीय-इजरायली लंबी दूरी वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. बराक 8 को विमान, हेलीकाप्टर, एंटी शिप मिसाइल और यूएवी के साथ-साथ क्रूज़ मिसाइलों और लड़ाकू जेट विमानों के किसी भी प्रकार के हवाई खतरा से बचाव के लिए डिज़ाइन किया गया. इस प्रणाली के दोनों समुद्री और भूमि आधारित संस्करण मौजूद हैं. परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम लंबी दूरी की इस मिसाइल का विकास भारत ने इस्राइल के साथ मिलकर किया है. बराक 8 मूल बराक 1 मिसाइल पर आधारित है. परन्तु इसमे अधिक उन्नत खोजक की सुविधा और लम्बी दूरी तक जने की क्षमता है. जो इसे मध्यम नौसेना प्रणाली बनाती है. छोटी दूरी से लेकर लंबी दूरी के हवाई खतरों से बचाव के लिए डिजाइन की गई यह प्रणाली एक साथ कई लक्ष्यों को दिन-रात और सभी मौसमी स्थितियों में भेदने में सक्षम है.
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मुख्य तथ्य:
इस्राइल की नौसेना सार-6 कोर्वेट्स देश के विशेष आर्थिक क्षेत्र और रणनीतिक केंद्रों की सुरक्षा के लिए इस प्रणाली का इस्तेमाल करेगी जिन्हें समुद्री क्षेत्र में तरह-तरह के खतरों का सामना करना पड़ता है.
बराक-8 नौसैना की परिचालन संबंधी जरूरतों को पूरा करने और उसे भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने की दिशा में खरी उतरने में सक्षम है और यह देखने के बाद ही उसका चयन किया गया.
नया समझौता बराक-8 के लिए पिछले कई सालों में हुए करारों में एक और अध्याय जोड़ता है जिसकी कुल कीमत अब पांच अरब डॉलर हो गई है जो इस प्रणाली की एक और शानदार उपलब्धि है.
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