भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दिसंबर 2016 में छह कम्पनियों के संघ के साथ भारत का पहला निजी सैटेलाइट बनाने हेतु समझौता किया.
इस समझौते पर इसरो सैटेलाइट सेंटर (आईएसएसी) के निदेशक एम अन्नादुरै एवं कंसोर्टियम की प्रमुख कम्पनी अल्फा डिजाईन टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड के मध्य हस्ताक्षर किये गये.
आईएसएसी भारत के लिए संचार, रिमोट सेंसिंग एवं नेविगेशन सम्बंधित उपग्रह बनाता है. इसरो ने पहली बार उपग्रह निर्माण के लिए आउटसोर्सिंग की है.
समझौते के मुख्य बिंदु
• इसमें दो अतिरिक्त नेविगेशन उपग्रहों के निर्माण और परीक्षण के लिए 18 महीनों के समय के लिए समझौता किया गया है.
• कंसोर्टियम की अध्यक्षता अल्फा डिजाईन टेक्नोलॉजीज़ द्वारा की जा रही है, यह संगठन रक्षा क्षेत्र में विनिर्माण क्षेत्र से सम्बंधित है.
• कम्पनियों के इस संघ में अन्य कम्पनियां हैं न्यूटेक सोल्यूशन्स, एदिन टेक्नोलॉजीज़ एंड डीसीएक्स केबल्स ऑफ़ बेंगलुरु, विन्यास टेक्नोलॉजीज़ ऑफ़ मैसूर एवं एवन्टेल सिस्टम्स ऑफ़ हैदराबाद.
• इस संबंध में जनवरी 2017 से विकास कार्य आरंभ होगा तथा पहला सैटेलाइट नौ माह में तैयार हो जायेगा.
पृष्ठभूमि
इन दो नेविगेशन सैटेलाइट के निर्माण से भारत को इस क्षेत्र में नई दिशा प्राप्त होगी तथा इससे देश अन्तरिक्ष तकनीक में भी अग्रणी भूमिका निभाने में अफल हो सकेगा. इसरो ने भारतीय उद्योग जगत से भी इस संबंध में सहयोगी भूमिका निभाने के लिए आग्रह किया है.
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