इसरो ने 104 सेटेलाइट एक साथ छोड़ने की घोषणा की है. यह 104 उपग्रह भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र द्वारा 15 फरवरी को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किए जाएंगे. इन 104 उपग्रह में से 101 विदेशी उपग्रह हैं.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार उपग्रहों को सुबह करीब नौ बजे प्रक्षेपित करने का फैसला किया है. यह उपग्रह अंतरिम रूप से पृथ्वी से करीब 500 किमी ऊपर सूर्य-समकालिक (सन-सिंक्रोनस) कक्षा में प्रतिस्थापित किए जाएंगे.
उपग्रहों के बारे में-
• प्रक्षेपित किए जाने वाले उपग्रहों में तीन भारतीय, 88 अमेरिकी और शेष इजरायल, कजाखिस्तान, नीदरलैंड्स, स्विट्जरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात से हैं.
• उपग्रहों का प्रक्षेपण पीएसएलवी-सी37 से किया जाएगा.
• उपग्रहों का संयुक्त भार 1,500 किग्रा है.
• इसमें 650 किग्रा का रिमोट-सेंसिंग काटरेसेट-2 और 15-15 किग्रा के दो छोटे उपग्रह IA और IB भी सम्मिलित हैं.
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के नाम इसके पहले 22 जून, 2016 को एक बार में 20 उपग्रह छोडे जाने का रिकॉर्ड दर्ज है. इसरो एक साथ 104 उपग्रह छोड़कर 2014 में रूस द्वारा एक साथ 37 उपग्रह छोड़ने के रूस के रिकॉर्ड और 2013 में 29 उपग्रह एक साथ प्रक्षेपित किए गए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगा. पिछले वर्ष 7 दिसंबर को इसरो ने पीएसएलवी सी-36 के जरिए दूरसंवेदी उपग्रह रिसोर्ससैट-2ए को प्रक्षेपित किया. 1235 किग्रा वजनी इस उपग्रह को सूर्य की समकालिक कक्षा में स्थापित किया गया.
उपग्रह का उद्देश्य-
• इसका काम वर्ष 2011 में प्रक्षेपित रिसोर्ससैट-2 के कार्यों को आगे बढ़ाना है.
• साथ ही वैश्विक उपयोगकर्ताओं के लिए दूरसंवेदी डेटा सेवाएं जारी रखना है.
• यह भारत की वन संपदा और जल संसाधनों के बारे में जानकारी देगा.
• यह सैटलाइट 5 साल तक के लिए सेवाएं देगी.
इसके अलावा पिछले वर्ष ही इसरो ने 25 सितंबर को पीएसएलवी सी-35 के जरिए आठ सेटेलाइट्स को पहली बार अलग-अलग कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया.
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