अलीबाबा के संस्थापक और चीनी अरबपति जैक मा ने जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्पोरेशन के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. जैक मा जापानी कंपनी सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉरपोरेशन में लंबे समय से बतौर बोर्ड सदस्य सेवाएं दे रहे थे. माना जा रहा है कि जैक मा ने जापानी टेक्नॉलजी कंपनी के ऑफिस साझेदारी उद्यम वीवर्क जैसे जोखिमपूर्ण निवेश को लेकर संघर्षपूर्ण स्थितियों के कारण इस्तीफा दिया.
टोक्यो स्थित सॉफ्टबैंक ने वित्तीय परिणामों को जारी करने से पहले जैक मा के इस्तीफे की घोषणा की. हालांकि, कंपनी ने उनके इस्तीफे की वजह नहीं बताई. जैक मा ने हाल में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए मास्क और परीक्षण किट दान देने जैसे कई परोपकार के कार्य किए हैं.
सॉफ्टबैंक ने बोर्ड में तीन नए सदस्यों की घोषणा की
सॉफ्टबैंक ने बोर्ड में तीन नए सदस्यों की घोषणा की. इनमें सॉफ्टबैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी योशिमित्सु गोटो और वासेदा विश्वविद्यालय के प्राध्यापक युको क्वामोटो शामिल हैं. सॉफ्टबैंक ने अलीबाबा में काफी निवेश किया है. जैक मा साल 2007 में सॉफ्टबैंक के बोर्ड में शामिल हुए थे. जैक मा के सॉफ्टबैंक के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी मासायोशी सोन के साथ करीबी संबंध हैं.
एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति
मार्च में जारी ब्लूमबर्ग बिलिनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, एशिया के सबसे धनी व्यक्ति का ताज भी अलीबाबा के संस्थापक जैक मा के पास है. इससे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति माने जाते थे. रिपोर्ट के मुताबिक जैक मा की कुल संपत्ति जहां 45.7 अरब डॉलर है, मुकेश अंबानी की संपत्ति 42.3 अरब डॉलर है.
जैक मा के बारे में
जैक मा सितंबर 2019 में ही अलीबाबा ग्रुप के चेयरमैन पद से रिटायर हुए थे. जैक मा का जन्म 10 सितंबर 1964 को चीन में हुआ था. जैक मा को चीन के कई घरों में पूजा तक जाता है. घरों में उनकी फोटो लगी हुई हैं, जहां उन्हेंक ईश्वर की तरह पूजा जाता है.
चीन के पूर्वी झेरजयांग प्रांत के हांगझोऊ नगर में एक गरीब परिवार में जन्मे जैक मा अंग्रेजी अध्यापक रहे. जैक ने अपने करियर की शुरुआत एक टूरिस्ट गाइड के रूप में की थी. उन्होंने 2014 में जैक मां फाउंडेशन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य चीन के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के स्तर में सुधारा लाना है.
उन्होंने वर्ष 1990 में नौकरी छोड़ कर अपना कारोबार शुरू करने की ठानी. जैक मा ने अपने दोस्तों को राजी कर उनसे 60,000 डॉलर की राशि जुटाई और ऑनलाइन क्रय-विक्रय की सुविधा देने वाला इंटरनेट बाजार मंच अलीबाबा शुरु किया. वे वर्ष 2013 में कंपनी के सीईओ बनाए गए.
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