जम्मू-कश्मीर में गठबंधन टूटा, राज्यपाल शासन लागू होगा

जम्मू कश्मीर में विधानसभा की कुल 87 सीटों हैं जिनमें बहुमत का आंकड़ा 44 सीट है. पीडीपी ने 28 सीटों पर अपनी जीत दर्ज की थी, वहीं बीजेपी के पास 25 सीटें हैं. और दोनों ही दलों ने मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी.

Jun 20, 2018, 09:45 IST
Mehbooba Mufti resigned J&K set for Governor's rule
Mehbooba Mufti resigned J&K set for Governor's rule

भारतीय जनता पार्टी ने 19 जून 2018 को जम्मू-कश्मीर में महबूबा सरकार से समर्थन वापस लेने का निर्णय लिया. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के साथ हुई कोर ग्रुप की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया. इसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

राज्यपाल एन.एन. वोहरा को इस्तीफा सौंपने के बाद महबूबा ने मुफ्ती ने तीन साल की बातों को दोहराते हुए कहा कि पीडीपी का एजेंडा राज्य में शांति बनाए रखने और उसे एक करने का था.

 

क्यों टूटा बीजेपी-पीडीपी गठबंधन?

गठबंधन: जम्मू कश्मीर में विधानसभा की कुल 87 सीटों हैं जिनमें बहुमत का आंकड़ा 44 सीट है. पिछले चुनाव में पीडीपी ने 28 सीटों पर अपनी जीत दर्ज की थी, वहीं बीजेपी के पास 25 सीटें हैं. और दोनों ही दलों ने मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी.

गठबंधन टूटने का कारण: बीजेपी पार्टी महासचिव राम माधव ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि ताजा हालात के बाद गठबंधन में काम करना मुश्किल हो गया था. जिस तरीके से घाटी में अचानक घटनाएं बढ़ी है उससे राज्य की हालत और बिगड़ते गए. राममाधव ने मीडिया से कहा कि जिन मुद्दों को लेकर सरकार बनी थी, उन सभी बातों पर चर्चा हुई. पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई थी और यह निर्णय आवश्यक हो गया था.



10 वर्ष में चौथी बार राज्यपाल शासन

जम्मू-कश्मीर में पिछले 10 वर्ष में चौथी बार राज्यपाल शासन लागू होगा. इससे पहले भी राज्य में ऐसे हालात बने हैं जब निर्वाचित सरकार एवं गठबंधन यथावत बने नही रहे सके और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया. जम्मू कश्मीर में मार्च 1977 को पहली बार राज्यपाल शासन लागू हुआ था. उस समय एल.के. झा राज्यपाल थे. कांग्रेस ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता शेख महमूद अब्दुल्ला की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद राज्यपाल शासन लागू करना पड़ा था. इसके बाद राज्य में कई बार राज्यपाल शासन लगाया गया

•    जुलाई 2008 में अमरनाथ भूमि विवाद के चलते पीडीपी ने कांग्रेस के साथ वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफा दे दिया था और वहां राज्यपाल शासन लगाया गया था.

•    दिसंबर 2014 में विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश के बाद राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया.

•    जनवरी 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद राज्य में फिर से राज्यपाल शासन लगाया गया था.

राज्यपाल शासन क्या है?


•    भारत के अन्य राज्यों में प्रदेश की सरकार के विफल रहने पर राष्ट्रपति शासन लागू होता है लेकिन जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने पर राज्य में राज्यपाल का शासन लगाया जाता है.

•    जम्मू-कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्य में छह माह के लिए राज्यपाल शासन लागू किया जाता है लेकिन ऐसा राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही हो सकता है.

•    देश के अन्य राज्यों में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है.

•    राज्यपाल शासन के अंतर्गत राज्य विधानसभा या तो निलंबित रहती है या उसे भंग कर दिया जाता है.

•    यदि छह माह के भीतर राज्य में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो पाती है तो इस व्यवस्था की मियाद को बढ़ाया जा सकता है.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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