भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश में 10 बड़े सरकारी बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी है. भारत कोरोना संकट से जूझ रहे है. कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.भारत में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या हजार के करीब पहुंचने लगी है.
आरबीआई ने इस मर्जर को आगामी 01 अप्रैल से लागू किया जाना तय कर दिया है. इसके तहत राज्य संचालित दस बैंकों का विलय चार बैंकों के रूप में होगा जो सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी बैंक बनकर उभरेंगी. इस व्यवस्था के बाद से खाताधारको के बैंक खातों की संख्या और आईएफएससी कोड भी बदल जाएंगे.
1 अप्रैल से बैंकों का विलय
आरबीआई ने 10 सरकारी बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी है. आरबीआई ने 01 अप्रैल से दस सरकारी बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी. आरबीआई की मंजूरी के बाद अब 1 अप्रैल से ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया जाएगा. इसके साथ ही सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में होगा. वहीं आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में होगा, जबकि इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में किया जाएगा.
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10 सरकारी बैंकों के विलय
आरबीआई की मंजूरी के बाद अब दस बैंकों के विलय के बाद चार बड़े सरकारी बैंक बनाए जाएंगे. बैंकों के विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, युनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक चार बड़े बैंक के तौर पर बनेंगे. इन चार बैंकों के साथ ही देश में सात बड़े सरकारी बैंक होंगे. विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा. इसका कारोबार 17.94 लाख करोड़ रुपए का होगा
पृष्ठभूमि
केन्द्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों को आपस में विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला किया था. सरकार ने देश में विश्वस्तरीय बड़े बैंक बनाने के उद्देश्य से सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों को मिलाकर बड़े बैंक बनाने का कदम उठाया है. इस विलय प्रक्रिया के बाद तीन साल में सरकारी बैंक 27 से 12 हो जाएंगे. विलय के बाद देश में सात बड़े आकार के सरकारी बैंक और छोटे आकार के सरकारीर बैंक होंगे. वर्ष 2017 में 27 सरकारी बैंक थे.
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