सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा विश्व की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट को पुनः मापे जाने की योजना बनाई जा रही है.
वैज्ञानिकों के अनुसार नेपाल में आये विनाशकारी भूकंप के पश्चात् इसकी चोटी में कुछ बदलाव सम्भव है. वैज्ञानिकों के अनुसार माउंट एवरेस्ट पहले की अपेक्षा छोटा हुआ है.
मुख्य बिंदु
• सर्वे ऑफ इंडिया अगले दो महीने के लिए नेपाल में एक अभियान दल रवाना करेगा.
• उपग्रह द्वारा भेजी गयी जानकारी के अनुसार भकूंप के प्रभाव से पर्वत की ऊंचाई कम हुई है.
• इससे पहले हिमालय की ऊंचाई 62 वर्ष पहले नापी गयी थी.
• वैज्ञानिकों का कहना है कि नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के कुछ समय बाद हिमालय की एक घाटी की ऊंचाई करीब एक मीटर तक कम हुई.
• इस सर्वेक्षण में जमीनी, हवाई एवं जीपीएस सर्वेक्षण शामिल होंगे.
• सर्वे ऑफ इंडिया एवं नेपाल सरकार संयुक्त रूप से इस सर्वेक्षण पर कार्य करेंगे.
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस)
• यह ट्रांजिस्टर से मिलता-जुलता सर्वेक्षण यंत्र होता है.
• पर्वत की चोटी पर इस यंत्र को रखने पर 10 मिनट में यह इसकी ऊंचाई माप लेगा.
जमीनी तरीका
• इस विधि को अवलोकन प्रक्रिया भी कहा जाता है. इसमें पर्वत को त्रिकोणीय भाग से मापा जाता है तथा दूरी के अनुसार सापेक्ष अंकों की गणना के अनुसार इसकी ऊंचाई मापी जाती है.
• इस विधि द्वारा इसकी ऊंचाई जमीन से ही मापी जा सकती है.
• इस पूरी प्रक्रिया के लिए लगभग 2 माह लग सकते हैं जबकि 15 दिन तक हिमालयी क्षेत्र से एकत्रित किये गये आंकड़ों की गणना में समय लग सकता है.
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