Music maestro Ustad Rashid Khan passes away: संगीत के दिग्गज कलाकार उस्ताद राशिद खान 55 साल की उम्र में निधन हो गया. संगीत सम्राट उस्ताद राशिद खान प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे थे और उनका कोलकाता के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. उन्हें हॉस्पिटल में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था.
उस्ताद राशिद खान के निधन से संगीत की दुनिया में एक सन्नाटा सा छा गया है. राशिद खान के निधन की खबर सुनकर उनके परिवार और फैंस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. ख़बरों की मानें तो बीते 22 नवंबर से उस्ताद राशिद खान कोलकाता के पियरलेस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
Music maestro Ustad Rashid Khan passes away
— ANI Digital (@ani_digital) January 9, 2024
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सीएम ममता बनर्जी ने जताया शोक:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उस्ताद राशिद खान के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि , 'यह पूरे देश और पूरे संगीत जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है. मैं बहुत दुखी हूं. मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि राशिद खान अब नहीं रहे.' उनके अलावा संगीत जगत के कई दिग्गज उनके निधन पर शोक प्रकट किया है.
Deeply saddened by the tragic demise of Ustad Rashid Khan, one of the greatest exponents of Indian classical music of our times.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 9, 2024
A hugely respected vocalist with unparalleled genius in creating music, he made us proud by settling here and making Bengal his home. He and Soma,…
'रामपुर-सहसवान घराने' से थे:
उस्ताद राशिद खान 'रामपुर-सहसवान घराने' से थे. वह उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के भतीजे थे और उन्होंने अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान से प्राप्त किया था.
उस्ताद राशिद खान के बारें में:
उस्ताद राशिद खान का जन्म साल 1968 में उत्तर प्रदेश के बदायूँ में हुआ था. वह बदायूँ घराने के संस्थापक इनायत हुसैन खान के परपोते थे. उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर मिली जानकारी के अनुसार, पद्म श्री पुरस्कार विजेता को 'मियां तानसेन की 31वीं पीढ़ी का वंशज' बताया गया है.
उन्होंने 11 साल की उम्र में अपना पहला संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया और 26 साल की उम्र में आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी द्वारा उन्हें संगीतकार के रूप में मान्यता दी गई. वर्ष, 1978 में, उन्होंने दिल्ली में आईटीसी संगीत कार्यक्रम में मंच पर अपनी प्रस्तुति दी थी.
खान ने शास्त्रीय हिंदुस्तानी संगीत को हल्के संगीत शैलियों के साथ मिश्रित करने का प्रयास किया था. साथ ही वह पश्चिमी वाद्ययंत्र वादक लुइस बैंक्स के साथ संगीत कार्यक्रम सहित प्रयोगात्मक सहयोग में लगे रहे थे. उन्होए सितारवादक शाहिद परवेज़ और अन्य संगीतकारों के साथ भी मंच साझा किया था.
अवार्ड्स और सम्मान:
साल 2022 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. इसके अतिरिक्त उन्हें देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था. उन्हें बंगाल के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार बंगा विभूषण और हमारा संगीत महासम्मान भी सम्मानित किया गया था. साथ ही उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
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