राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने अप्रैल 2016 के अंतिम सप्ताह में हरियाणा राज्य भंडारण निगम (एचएसडब्ल्यूसी) को मौजूदा रबी विपणन सत्र में गेहूं खरीद के लिए 1000 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी.
देश की केंद्रीय खाद्यान्न पूल का हरियाणा एक प्रमुख अंशदाता है. इसलिए इसे पहले नाबार्ड ने हरियाणा राज्य भंडारण निगम को 2015-16 खरीफ विपणन सत्र में धान खरीद के लिए 500 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दिया था.
ऋण एचएसडब्ल्यूसी को कैसे लाभदायक होगा?
• किसानों को जल्द से जल्द भुगतान करने के प्रयासों के मद्देनजर 1000 करोड़ रुपये के ऋण से एचएसडब्ल्यूसी द्वारा विभिन्न मंडियों-खरीद केंद्रों में किसानों से खरीदे गए गेहूं का तुरंत भुगतान करने में मदद मिलेगी.
• किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिलेगा और उन्हें हड़बड़ी में अपना माल नहीं बेचना पड़ेगा. इसके साथ ही उन्हें अनाज के लिए बफर स्टॉक भी नहीं तैयार करना पड़ेगा.
• राज्य सरकार ने 2016-17 विपणन सत्र के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के लिए पांच सरकारी एजेंसियों - खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हाफेड, हरियाण कृषि उद्योग निगम, भारतीय खाद्य निगम और हरियाणा राज्य भंडारण निगम को जिम्मा सौंपा है.
• हरियाणा के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को चालू सीजन में लगभग 75 लाख मीट्रिक टन गेहू होने की उम्मीद है.
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