अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह की भीतरी सतह का अध्ययन करने के लिए मिशन लॉन्च किया. यह नासा द्वारा मंगल ग्रह की सतह पर किया जाने वाला पहला अध्ययन अभियान होगा.
चांद पर भेजे गए अपोलो मिशन के बाद इनसाइट भी नासा का पहला मिशन होगा. इसे पांच मई को मंग्रल ग्रह पर भेजने का कार्यक्रम है. यह किसी दूसरे ग्रह की जमीन पर भूकंप को मापने के लिए बनाए गए यंत्र को वहां स्थापित करेगा.
नासा इनसाइट मिशन की प्रमुख बातें
• इनसाइट एक तरह का रोबोट है जो 5 अरब साल पहले मंगल ग्रह के बनने के शुरुआती चरणों के बारे में सूचनाएं जुटाएगा. इसे एक प्रकार की वैज्ञानिक टाइम मशीन भी कहा जा रहा है
• इससे यह मालूम चलने में मदद मिलेगी कि पृथ्वी, उसका चंद्रमा और सौर मंडल के अन्य ग्रहों जैसी चट्टानें कैसे बनीं.
• नासा के मुताबिक मंगल ग्रह की आंतरिक सतहों के अध्ययन से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि इसकी सतहें पृथ्वी से किस तरह अलग हैं.
• इस वैज्ञानिक शोध में मंगल ग्रह के धरातल पर होने वाली हलचल, भूकंप आदि की भी गहराई से जांच की जाएगी.
• इनसाइट नासा के डिस्कवरी प्रोग्राम का हिस्सा है जिसे नासा के मार्शल फ्लाइट सेंटर द्वारा मैनेज किया जा रहा है.
• इस स्पेसक्राफ्ट को लॉकहीड मार्टिन स्पेस, डेनेवर द्वारा बनाया एवं टेस्ट किया गया है.
नासा के बारे में जानकारी
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की शाखा है जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एरोनॉटिक्स व एरोस्पेस संशोधन के लिए उत्तरदायी है. नासा का गठन नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस अधिनियम के अंतर्गत 19 जुलाई 1948 में इसके पूर्वाधिकारी संस्था, नैशनल एडवाइज़री कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (एनसीए) के स्थान पर किया गया था. इस संस्था ने 01 अक्टूबर 1948 से कार्य करना शुरू किया.
फ़रवरी 2006 से नासा का लक्ष्य वाक्य “भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण, वैज्ञानिक खोज और एरोनॉटिक्स संशोधन को बढ़ाना” रखा गया. 14 सितंबर 2011 में नासा ने घोषणा की कि उन्होंने एक नए स्पेस लॉन्च सिस्टम के डिज़ाइन का चुनाव किया है जिसके चलते संस्था के अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में और दूर तक सफर करने में सक्षम होंगे और अमेरिका द्वारा मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नया कदम साबित होंगे.
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