अंतरिक्ष में एक हादसा, James Webb Space Telescope से टकराया पत्थर, जानें अब क्या होगा?

Jun 10, 2022, 12:33 IST

नासा ने हाल ही में कहा कि धूल के आकार की अंतरिक्ष चट्टान से बहुत नुकसान हुआ है. इससे टेलीस्कोप के डेटा पर ध्यान देने योग्य प्रभाव पैदा कर रहा था, लेकिन मिशन के प्रदर्शन को सीमित करने की आशा नहीं है. 

James Webb Space Telescope
James Webb Space Telescope

नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के 80 हजार करोड़ रुपये की कीमत वाले जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) से एक अंतरिक्ष पत्थर टकरा गया है. बता दें सूक्ष्म उल्कापिंड (Micrometeoroid) ने हाल ही में टेलीस्कोप के मुख्य दर्पण पर प्रहार किया है.

नासा ने हाल ही में कहा कि धूल के आकार की अंतरिक्ष चट्टान से बहुत नुकसान हुआ है. इससे टेलीस्कोप के डेटा पर ध्यान देने योग्य प्रभाव पैदा कर रहा था, लेकिन मिशन के प्रदर्शन को सीमित करने की आशा नहीं है. अंतरिक्ष में यह एक बड़ा हादसा मना जा रहा है.

हादसे का प्रभाव

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि हादसे का प्रभाव किसी भी तरह से दूरबीन के कार्य को नष्ट नहीं करेगा. लोगों के सामने 12 जुलाई को इस मिशन की अब तक की उपलब्धियों को पेश किया जाना है.

इस मिशन का उद्देश्य

प्रारंभिक ब्रह्मांड का अध्ययन करने हेतु इसका एक महत्वाकांक्षी मिशन है. इस मिशन का उद्देश्य यह पता लगाना कि यह अब कितनी तेजी से विस्तार कर रहा है तथा आकाशगंगाओं से लेकर एक्सोप्लैनेट तक पूरे ब्रह्मांड में वस्तुओं का विश्लेषण कर रहा है.

यह हादसा कब हुआ?

वैज्ञानिकों ने कहा कि माइक्रोमीटर अर्थात सूक्ष्म उल्कापिंड ने 23 मई से 25 मई के बीच जेम्स वेब पर हमला किया, जिससे उसके सोने की परत वाले दर्पणों को काफी नुकसान पहुंचाया है.

सबसे शक्तिशाली अंतरिक्ष वेधशाला

इस टेलीस्कोप को अब तक का सबसे मजबूत अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला माना जाता है. इस टेलीस्कोप में सेंसर का एक सूट तथा 18 गोल्ड-प्लेटेड मिरर सेगमेंट ब्रह्मांड के शुरुआती चरणों से आकाशगंगाओं की तलाश करते हैं.

प्रभावों का सामना करने के लिए डिज़ाइन

बता दें इंजीनियरों ने इसे माइक्रोमीटरोइड्स से सामयिक प्रभावों का सामना करने हेतु डिज़ाइन किया है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने प्रभाव को 'एक अपरिहार्य मौका घटना' कहा है. उन्होंने कहा कि उसने इसी तरह के अंतरिक्ष चट्टानों से भविष्य के प्रभावों से बचने के तरीकों का अध्ययन करने हेतु इंजीनियरों की एक विशेष टीम बुलाई है. पिछले साल 25 दिसंबर को इसे अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था तथा बाद में यह हमारे ग्रह से लगभग दस लाख मील की दूरी पर कक्षा में स्थापित हो गया.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने क्या कहा?

नासा ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा कि प्रारंभिक आकलन के बाद, टीम ने पाया कि दूरबीन अभी भी उस स्तर पर प्रदर्शन कर रही है जो सभी मिशन आवश्यकताओं से अधिक है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इंजीनियरों ने हाल ही में माइक्रोमीटरोइड के वजह से 'विकृति के एक हिस्से को रद्द करने' में सहायता करने हेतु प्रभावित दर्पण खंड का एक नाजुक फिर से समायोजन शुरू कर दिया है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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