नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) द्वारा हाल ही में यह घोषणा की गयी कि वह जल्द ही सूर्य के रहस्यों का पता लगाने के लिए एक रोबोटिक मिशन आरंभ करने जा रहा है.
नासा वर्ष 2018 में सूर्य पर इस मिशन को भेजेगा जिसका नाम सोलर प्रोब प्लस मिशन रखा गया है. यह एक यान होगा जो सूर्य के वातावरण में प्रवेश करेगा. इस यान द्वारा चार उपकरणों का समूह सूर्य पर भेजा जायेगा जो सूर्य के चुम्बकीय क्षेत्र, प्लाज्मा और उर्जा कणों का परीक्षण करेगा तथा इसकी 3डी तस्वीरें जारी करके पृथ्वी पर भेजेगा.
सोलर प्रोब प्लस
• इसे पृथ्वी से संभवतः 31 जुलाई 2018 को प्रक्षेपित किया जायेगा तथा यह सभवतः 19 दिसंबर 2024 तक सूर्य के वातावरण में प्रवेश करेगा.
• यह नासा का एक यान है जिसे डेल्टा-4 हेवी नामक रॉकेट से प्रक्षेपित किया जायेगा.
• यह अभियान 6 वर्ष 321 दिन में सूर्य के नजदीक पहुंचेगा.
• यह यान बुध ग्रह की कक्षा में रहेगा जो सूर्य के वातावरण में माना जाता है.
• यह सर्वाधिक गति वाला मानव उपकरण होगा जिसके सूर्य के नजदीक जाने पर इसकी गति 200 किलोमीटर प्रतिसेकेंड हो जाएगी.
• इससे पहले बृहस्पति की कक्षा में स्थापित नासा का शोधयान जूनो यह रिकॉर्ड बना चुका है.
• जूनो की गति 2.65 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच गयी थी.
सूर्य के बारे में
• सूर्य की पृथ्वी से दूरी 14.96 करोड़ किलोमीटर है.
• सूर्य की सतह का तापमान लगभग 5,500 डिग्री सेल्सियस माना जाता है.
• सूर्य के वातावरण का तापमान 20 लाख डिग्री सेल्सियस तक आँका गया है.
• नासा का शोधयान 60 लाख किलोमीटर तक जाएगा तथा बुध ग्रह की कक्षा में रहकर शोध करेगा.
यान की सुरक्षा
• इस यान पर कार्बन फाइबर तथा ठोस कार्बन अर्थात् ग्रेफाईट से मिलकर बनाई गयी परत लगाई जाएगी. इससे सूर्य की किरणों से यान की रक्षा होगी.
• यह परत 11.4 सेंटीमीटर मोटी होगी तथा यान के बाहर 1370 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सहन करने में सक्षम होगी.
• इस यान के सभी उपकरण तथा संचालन तंत्र इसी परत के पीछे रहेंगे जिससे यह सूर्य की गर्मी से बचे रहेंगे.
• इसमें यान के अंदर की गर्मी को बाहर निकालने के लिए थर्मल रेडियेटर लगाये जायेंगे जिससे सभी उपकरण अत्यधिक गर्मी से बचे रहेंगे.
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